महाराष्ट्र : केंद्रीय मंत्री राणे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, सीएम उद्धव के खिलाफ की थी अपमानजनक टिप्पणी
मुंबई, 24 अगस्त। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में अपमानजनक टिप्पणी कर बुरे फंस गए हैं। उनके बयान के बाद मुंबई में जहां शिवसेना आक्रामक हो उठी है वहीं महाराष्ट्र सरकार ने नासिक में कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए जन आशीर्वाद रैली निकालने पर नाणे के खिलाफ सख्ती बरती है। इसी क्रम में नासिक पुलिस ने नारायण राणे के खिलाफ कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए क्राइम ब्रांच को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
नारायण राणे ने सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में विवादित टिप्पणी कर दी दी। इसे लेकर शिवसेना नेता नाराज हैं। उद्धव ठाकरे की आलोचना करते हुए राणे की जुबान फिसल गई और वह बोल बैठे, ‘अगर होता तो कान के नीचे रख देता।’
जन आशीर्वाद यात्रा महाड पहुंचने के बाद राणे ने प्रेस वार्ता की। उस समय वह पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान एक पत्रकार ने राणे को बताया कि राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा है और बच्चों को अधिक खतरा है, इसलिए मुख्यमंत्री ने कहा है कि भीड़ से बचना चाहिए। बस इसी बात पर राणे नाराज हो गए और विवादित टिप्पणी कर डाली।
‘उन्हें नहीं पता कि वे हमें क्या बताएंगे’
राणे ने कहा, ‘उन्हें (महाराष्ट्र सरकार) नहीं पता कि वे हमें क्या बताएंगे। वे कौन से डॉक्टर हैं? तीसरी लहर की आवाज कहां से आई? और वह यह भी कहती थी कि बच्चे खतरे में हैं और लोगों को डराते हैं। अशुभ मत बोलो। क्या उसे बोलने का अधिकार है? एक सचिव को एक तरफ रख दो और पूछो और बोलो। क्या उस दिन देश को आजाद हुए कितने साल हो गए थे? अरे, डायमंड फेस्टिवल के बारे में क्या? अगर मेरे पास होता, तो मैं इसे अपने कान के नीचे रख देता। यह क्या है, देश के स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको नहीं पता होना चाहिए? बता दें, क्या है इनके बड़े पिल्लों की कहानी…..’
राणे ने एक अन्य सवाल पर कहा कि केवल एनसीपी ही सत्ता में है। कौन चला रहा है यह सरकार? इस सरकार के पास कोई ड्राइवर नहीं है।
हमारे पासे ऐसे बयान देने वालों के हाथ काटने की शक्ति : शिवसेना सांसद विनायक राउत
विनायक राउत इस बीच मुख्यमंत्री को लेकर नारायण राणे के बयान के बाद शिवसेना सांसद विनायक राउत भड़क गए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमेशा अपने राजनीतिक हितों के लिए चापलूसी के आदी रहे नारायण राणे को केंद्रीय मंत्री का पद मिला है। अब जब उन्हें केंद्र में मंत्री पद मिल गया है तो उनका मानसिक संतुलन पूरी तरह से बिगड़ गया है। लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या शिवसेना के किसी नेता के बारे में इस तरह के बयान देने वालों के हाथ काटने की शक्ति है।’