बीजापुर, 24 मई। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है, जहां 24 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें 20 नक्सली ऐसे हैं, जिन पर कुल 87.50 लाख रुपये का ईनाम घोषित था।
20 नक्सलियों पर कुल 87.50 लाख रुपये का ईनाम घोषित था
आत्मसमर्पण करने वाले ये नक्सली अब हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला कर चुके हैं। इन माओवादियों में कई ऊंचे पदों पर रहे नेता शामिल हैं, जैसे पीएलजीए कम्पनी नंबर-2 के डिप्टी कमांडर, माड़ डिवीजन कम्पनी नंबर-7 के पीपीसीएम, एसीएम/पीपीसीएम, एलओएस कमांडर, सीएनएम अध्यक्ष, केएमएस अध्यक्ष और केकेबीएन डिवीजन पार्टी सदस्य। ये सभी लंबे समय से बीजापुर, सुकमा और आसपास के इलाकों में सक्रिय थे और कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि इन नक्सलियों ने राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण, बिजली-पानी की सुविधा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे विकास कार्यों ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया है। इसके साथ ही संगठन के अंदर आपसी मतभेद और भेदभावपूर्ण व्यवहार से भी वे निराश थे।
आत्मसमर्पण कार्यक्रम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के उप महानिरीक्षक राकेश कुमार, बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव, कोबरा और सीआरपीएफ बटालियन के कमांडेंट्स, एएसपी ऑपरेशन, जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर और एसटीएफ के अधिकारी शामिल रहे। इस अभियान में डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, सीआरपीएफ और कोबरा बलों ने विशेष योगदान दिया है।
सभी 24 माओवादियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई
सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत सभी 24 माओवादियों को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। साथ ही उन्हें पुनर्वास, रोजगार और शिक्षा की सुविधा भी दी जाएगी ताकि वे सामान्य जीवन शुरू कर सकें।
इस वर्ष अब तक 227 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
उल्लेखनीय है कि बीजापुर जिले में एक जनवरी, 2025 से अब तक कुल 227 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 237 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं और 119 माओवादी मारे गए हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि सरकार की नीति और सुरक्षा बलों की रणनीति नक्सलवाद के खिलाफ कारगर साबित हो रही है। एसपी डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव ने अन्य माओवादियों से भी अपील की है कि वे आत्मसमर्पण कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और हिंसा छोड़कर समाज में शांति से जीवन व्यतीत करें।
