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उदयनिधि के बयान से नाराज देश की 262 जानी-मानी हस्तियों ने CJI को लिखा पत्र, स्वत: संज्ञान लेने का किया आग्रह

उदयनिधि के बयान से नाराज देश की 262 जानी-मानी हस्तियों ने CJI को लिखा पत्र, स्वत: संज्ञान लेने का किया आग्रह

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नई दिल्ली, 5 सितम्बर। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद उठा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस क्रम में देश की जानी-मानी 262 हस्तियों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है। पत्र में हस्ताक्षरकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा ‘सनातन धर्म’ के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में तेलंगाना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश के श्रीधर राव सहित 14 पूर्व न्यायाधीश, 20 पूर्व राजदूत सहित 130 सेवानिवृत्त नौकरशाह और 118 सेवानिवृत्त सेना अधिकारी शामिल हैं। सीजेआई को संबोधित पत्र में दावा किया गया है कि उदयनिधि स्टालिन द्वारा की गई टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के दायरे में आती है और धार्मिक समुदायों के बीच कलह भड़काने में सक्षम है।

स्टालिन की टिप्पणी से सांप्रदायिक वैमनस्य के साथ सांप्रदायिक हिंसा फैल सकती है

पत्र में कहा गया है कि स्टालिन द्वारा दिए गए बयानों ने आम नागरिकों के दिल और दिमाग में पीड़ा पैदा की है, खासकर सनातन धर्म में विश्वास रखने वालों के लिए। पत्र में कहा गया है कि उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी से सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा होने के साथ और सांप्रदायिक हिंसा फैल सकती है।

इस पत्र में शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने ही देश में बढ़ते हेट स्पीच के मामलों को लेकर नाराजगी जताई थी और सरकार व पुलिस प्रशासन से बिना औपचारिक शिकायतों का इंतजार किए स्वतः संज्ञान लेने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर इन मामलों में देरी की गई तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है।

सीजेआई को लिखे पत्र में देश की जानी मानी हस्तियों ने कहा है, ‘आप सनातन धर्म के महत्ता से अच्छी तरह परिचित हैं। हमारे देश का संविधान अपनी इच्छा से पूजा करने और ईश्वर को मानने की स्वतंत्रता देता है। हम लोग उदयनिधि के बयान से बेहद चिंतित हैं। इस तरह का बयान भारत की एक बड़ी आबादी को चोट पहुंचाने वाला है और संविधान के मूल  सिद्धांत को भी ठेस पहुंचाता है। तमिलनाडु की सरकार ने स्टालिन के खिलाफ कोई भी काररवाई करने से इनकार कर दिया और उनके बयान का ही समर्थन करने लगी।’

गौरतलब है कि तमिलनाडु के मंत्री और मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी और इसे नष्ट करने की बात बात कही थी। उनके खिलाफ बिहार और दिल्ली में पुलिस में मामले भी दर्ज कराए गए हैं।

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