
अमित शाह ने संसद में विपक्ष को बताया – अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या बदलाव हुआ?
नई दिल्ली, 21 मार्च। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राज्यसभा को संबोधित करते हुए देश की आतंरिक सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निबटने की रणनीति व विकास कार्य समेत अन्य मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने इसी क्रम में कहा कि केंद्र सरकार ने घाटी में आतंकवाद और आतंकवादी, दोनों के समर्थकों की कमर भी तोड़ दी।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए परिवर्तन के बारे में सवाल पूछने वाले विपक्षी नेताओं पर करारा प्रहार करते हुए अमित शाह ने कहा कि इसके समाप्त होने के बाद वहां आतंकवाद, पथराव, जबर्दस्ती बंद की घटनाओं में भारी कमी आई है। साथ ही राज्य में जितना निवेश आया, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर एवं वहां के आतंकवाद, वाम नक्सलवाद एवं पूर्वोत्तर के उग्रवाद को तीन नासूर की संज्ञा देते हुए कहा कि यदि इन तीनों समस्याओं को जोड़ दिया जाए तो चार दशकों में देश के कुल 92 हजार नागरिक मारे गए।
‘अब आतंकवादियों के जनाजे का जुलूस नहीं निकलता’
शाह ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा, ‘पहले कैसे आतंकवादियों के जनाजे का जुलूस निकलता था। पहले भी आतंकवादी मारे जाते थे, हमारे समय में अधिक मारे जाते हैं। लेकिन एक भी जुलूस नहीं निकलता है। जहां मरते हैं, वहीं दफना दिया जाता है। कोई आतंकवादी बन जाता था पहले तो उसके परिवारजन मौज से सरकारी नौकरी करते थे। हमने ढेर सारे आतंकवादियों के परिवारवालों को नौकरी से बाहर निकालने का काम किया।’
सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया जवाब
गृह मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत हुई है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक साथ सभी समस्याओं पर वार किया। प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद उरी और पुलवामा में हमले हुए। हालांकि, 10 दिनों के भीतर ही भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके मुंहतोड़ जवाब दिया। केवल दो देश, अमेरिका और इजराइल, अपनी सुरक्षा और सीमाओं के लिए खड़े होते थे। पीएम मोदी ने भारत को भी इस सूची में शामिल कर लिया।
Replying in the Rajya Sabha during the Discussion on Working of the Ministry of Home Affairs. https://t.co/hyG7Hj8S5K
— Amit Shah (@AmitShah) March 21, 2025
‘आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति‘
शाह ने कहा कि कश्मीर में आए दिन, पड़ोसी देश से आतंकवादी घुसकर बम धमाके करते थे। एक भी त्योहार ऐसा नहीं होता था, जो चिंता के बगैर मनाया जाता था, लेकिन केंद्र सरकार का रवैया लचीला होता था, बोलने में डर लगता था, चुप्पी साध जाते थे, वोट बैंक का डर था। पीएम मोदी के आने के बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई।
‘देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं होंगे‘
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के मूल में अनुच्छेद 370 था। शाह ने देश के संविधान निर्माताओं का धन्यवाद दिया, जिन्होंने आर्टिकल 370 में ही इसको हटाने के बीज डाल दिए थे। कहा कि इसी सदन ने पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारे संविधान निर्माताओं का वह स्वप्न कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं होंगे…पांच-छह अगस्त (2019) को एक प्रधान, एक विधान और एक निशान कायम हुआ।’
कितने आतंकी हमले हुए?
अमित शाह ने कहा, ‘छह साल हो गए 370 हटाने को। 2004 और 14 के बीच आतंकवाद की जो घटनाएं थीं, वे 7,217 से घटकर 2,242 हो गई है। मृत्यु में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नागरिकों की हत्या में 81 प्रतिशत और सुरक्षा बलों की मौत में 50 प्रतिशत की कमी आई है।’
‘आज किसी की हिम्मत नहीं कि पथराव और संगठित बंद कर ले’
उन्होंने कहा, ‘ 2010 से 14 के बीच जम्मू-कश्मीर में औसतन व्यवस्थित पथराव की 2,654 घटनाएं हुई। 2024 में एक भी नहीं हुई…। संगठित हड़ताल 132 हुई, आज एक भी हड़ताल नहीं होती है। पत्थरबाजी में नागरिकों की मृत्यु 112 हुई थी, 6000 लोग जख्मी हुए थे अब पथराव ही नहीं है तो मृत्यु या जख्मी होने का सवाल ही नहीं होता है। आज किसी की हिम्मत नहीं है कि पथराव और संगठित बंद कर ले।‘
कश्मीर में आया भारी निवेश
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर की तिजोरी खाली हो गई थी जबकि आज वहां करोड़ों रूपये का निवेश हो रहा है। शाह ने कहा, ‘12,000 करोड़ रुपये का निवेश जमीन पर उतरा है जबकि 1,10,000 करोड़ रुपये की योजनाएं क्रियान्वयन की प्रक्रिया में है। पूरे 70 वर्षों में 14,000 करोड़ का निवेश आया था। इन 10 वर्षों में 12,000 करोड़ के निवेश का उत्पादन शुरू हो चुका है।’
जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर शुरू हो गया है
शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर शुरू हो गया है। 2023 में 2 करोड़ 11 लाख पर्यटक आए। आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में पयर्टन हुआ। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में हाल में लोकसभा चुनाव के दौरान एक भी गोली नहीं चली और एक भी बूथ में गड़बड़ी की शिकायत नहीं की गई।
‘कश्मीर में ये तीन नासूर थे‘
उन्होंने कहा कि ये तीन नासूर थे – जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद। इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए। इसके बावजूद इन समस्याओं के संपूर्ण उन्मूलन के लिए एक सुनियोजित प्रयास कभी नहीं हुआ था, जो नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद हुआ।
गृह मंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए सबसे पहले देश की आजादी के बाद, देश की आंतरिक सुरक्षा को और देश की सरहदों को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले राज्य पुलिस और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के हजारों शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, ‘इनके बलिदान से ही देश आजादी के 76 वर्ष पार कर विश्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मैं बलिदानियों के परिवारजनों को भी मनपूर्वक धन्यवाद करता हूं। उनके सर्वोच्च बलिदान को ये देश, ये सदन कभी भूला नहीं पाएगा।’