1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. CRPF के 84वें स्थापना दिवस पर बोले अमित शाह – देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ का अभूतपूर्व योगदान
CRPF के 84वें स्थापना दिवस पर बोले अमित शाह – देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ का अभूतपूर्व योगदान

CRPF के 84वें स्थापना दिवस पर बोले अमित शाह – देश की आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ का अभूतपूर्व योगदान

0
Social Share

जगदलपुर, 25 मार्च। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का देश की आंतरिक सुरक्षा में अभूतपूर्व योगदान रहा है और यही वजह है कि हम वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित बस्तर अंचल में इस तरह का आयोजन कर रहे हैं। अमित शाह छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में सीआरपीएफ परेड दिवस को संबोधित कर रहे थे।

सीआरपीएफ के 84 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में श्री शाह ने कहा कि इसी बल की वजह से इस अंचल में वामपंथ उग्रवाद अब समाप्ति की ओर है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों की सुरक्षा और उग्रवाद आदि प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के कार्य में सीआरपीएफ की महती भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके लिए देश हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने सीआरपीएफ के अब तक छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के अलावा देश में विभिन्न स्थानों पर शहीद हुए जवानों और अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उन शहीद परिवारों के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है। इसी बल के कारण अब बस्तर अंचल में वामपंथी उग्रवाद समाप्ति की ओर है। सीआरपीएफ के शौर्य और बहादुरी के कारण ही देश के बिहार, झारखंड और अन्य क्षेत्रों में पूरी तरह शांति है और ऐसे क्षेत्रों में विकास कार्य प्रारंभ हो चुके हैं।

शाह ने सीआरपीएफ की स्थापना के संबंध में तथ्यों का हवाला दिया और कहा कि लौह पुरुष के नाम से मशहूर तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री वल्लभ भाई पटेल ने इसका नाम बदला और इस तरह इसका पुनर्जन्म हुआ। अब सीआरपीएफ की देश में 246 बटालियन हैं। यह बल संकट के समय देश के किसी भी कोने में या अन्य स्थानों पर तत्काल खड़ा दिखायी देता है। इसके जवान सुरक्षा की पूरी जिम्मेदानी निभाते हैं और इन्हीं की बदौलत हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य हो रहे हैं। इनके जवानों ने चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध में भी मौका आने पर अदम्य साहस का प्रदर्शन किया और अपने प्राण न्यौछावर करने तक से नहीं चूके।

उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में भी कभी वामपंथी उग्रवाद काफी ज्यादा था, लेकिन अब हम यहां सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर इसी इलाके में आयोजन कर रहे हैं, यही इस बात का द्योतक है कि अब क्षेत्र में शांति आ रही है। सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों और ग्रामीणों के बीच खड़े होकर आदिवासियों और क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान सुनिश्चित कर रहे हैं।

उन्होंने सीआरपीएफ के आधुनिकीकरण में उठाए जा रहे कदमों का भी जिक्र किया और कहा कि इसके जवान स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय के साथ बेहतर कार्य कर रहे हैं। इसके पहले शाह कल देर शाम जगदलपुर पहुंचे थे और आज सुबह विशेष आयोजन में शिरकत की। इस अवसर पर सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code