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वक्फ बिल के समर्थन में बोले अमित शाह – संसद का कानून है, सबको स्वीकार करना पड़ेगा

वक्फ बिल के समर्थन में बोले अमित शाह – संसद का कानून है, सबको स्वीकार करना पड़ेगा

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नई दिल्ली, 2 अप्रैल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान बड़ा दावा करते हुए कहा कि दान अपनी संपत्ति का कर सकते हैं, सरकारी जमीन का नहीं। उन्होंने कहा कि वक्फ एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोरमेंट है। इसमें व्यक्ति पवित्र दान करता है। दान उसी चीज का किया जा सकता है, जो हमारा है। मैं सरकारी संपत्ति या किसी दूसरे की संपत्ति का दान नहीं कर सकता। ये सारी बहस इसी बात पर है। शाह ने अपनी बात रखते हुए दो टूक कहा कि संसद का कानून है सबको स्वीकार करना पड़ेगा।

कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रहीं

अमित शाह ने कहा, ‘मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए बिल के समर्थन में खड़ा हुआ हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। मुझे लगता है कि या तो निर्दोष भाव से या राजनीतिक कारणों से कई भ्रांतियां कई सदस्यों के मन में हैं और सदन के माध्यम से कई सारी भ्रांतियां पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। ये जो भ्रम खड़ा किया जा रहा है कि यह एक्ट मुस्लिम भाइयों के धार्मिक क्रियाकलापों के अंदर उनकी दान की हुई संपत्ति के अंदर दखल करने का है। ये बहुत बड़ी भ्रांति फैलाकर माइनोरिटी को डराकर अपनी वोटबैंक खड़ी करने के लिए किया जा रहा है। मैं कुछ बातों को स्पष्ट करने का प्रयास करूंगा।’

वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम की नियुक्ति नहीं

गृह मंत्री शाह ने सदन में स्पष्ट रूप से कहा, ‘सबसे पहले, वक्फ में किसी भी गैर-मुस्लिम व्यक्ति की नियुक्ति नहीं की जाएगी। हमने धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए गैर-मुस्लिमों को नियुक्त करने का न तो कोई प्रावधान किया है और न ही ऐसा करने का इरादा है। वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड की स्थापना 1995 में हुई थी। यह गलत धारणा है कि यह अधिनियम मुसलमानों की धार्मिक गतिविधियों और दान की गई संपत्तियों में हस्तक्षेप करता है। अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने और विशिष्ट मतदाता जनसांख्यिकी को खुश करने के लिए यह गलत सूचना फैलाई जा रही है।’

वक्फ एक अरबी शब्द है

शाह ने कहा कि वक्फ एक अरबी शब्द है। वक्फ का इतिहास कुछ हदीसों से जुड़ा हुआ मिलता है और आज कल जिस अर्थ में वक्फ का प्रयोग किया जाता है, इसका अर्थ है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान… पवित्र धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान। वक्फ का समकालीन अर्थ, इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के समय अस्तित्व में आया।

दान उस चीज का होता है, जो हमारा है

गृह मंत्री ने कहा कि एक प्रकार से आज की भाषा में व्याख्या करें तो वक्फ एक प्रकार का charitable enrollment है। जहां एक व्यक्ति संपत्ति, भूमि धार्मिक और सामाजिक भलाई के लिए दान करता है, बिना उसको वापस लेने के उद्देश्य से। इसमें जो दान देता है, उसका बहुत महत्व है। दान उस चीज का ही किया जा सकता है, जो हमारा है। सरकारी संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता, किसी और की संपत्ति का दान मैं नहीं कर सकता।’

कांग्रेस ने दिल्ली लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं

अमित शाह ने कांग्रेस पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि वक्फ बिल पर साल 2013 में जो संशोधन आया, वो यदि नहीं आया होता तो आज ये संशोधन लाने की नौबत नहीं आती। उस समय कांग्रेस सरकार ने दिल्ली में लुटियंस की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दीं। उत्तर रेलवे की जमीन वक्फ को दे दी। हिमाचल में वक्फ की जमीन बताकर मस्जिद बनाने का काम हुआ। उन्होंने तमिलनाडु से कर्नाटक तक के उदाहरण दिए, जिस पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और सदन को भ्रमित करने का आरोप लगाया।

अमित शाह ने आगे कहा, ‘मैं पूरे देश के मुस्लिम भाइयों को कहना चाहता हूं कि आपके वक्फ में एक भी गैर मुस्लिम नहीं आएगा। वक्फ बोर्ड में जो संपत्तियां बेच खाने वाले, सौ-सौ साल के लिए औने-पौने दाम पर किराए पर देने वाले लोग है। वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद उन्हें पकड़ने का काम करेगा। ये चाहते हैं कि इनके राज में जो मिलीभगत चली, वह चलती रहे, नहीं चलेगा।

शाह ने बताया, क्यों अहम है ये वक्फ बिल

लोकसभा में शाह ने कहा, ‘वक्फ का कानून दान के लिए किसी द्वारा दी हुई संपत्ति, उसका एडमिनिस्ट्रेशन अच्छे से चल रहा है या नहीं, कानून के हिसाब से चल रहा है या नहीं। या तो दान जिस चीज के लिए दिया जा रहा है, इस्लाम धर्म के लिए दिया है, गरीबों के उद्धार के लिए दिया गया है। उसके उद्देश्य के लिए उपयोग हो रहा है या नहीं हो रहा है, इसका नियमन करने का काम है।’

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