
अमित शाह ने बस्तर में भरी हुंकार – ‘मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे’
दंतेवाड़ा, 5 अप्रैल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को दोहराया कि सरकार मार्च, 2026 तक देश से नक्सल समस्या को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान जो लोग आत्मसमर्पण करेंगे, वे मुख्यधारा का हिस्सा बन जाएंगे जबकि बाकी को सुरक्षा बल जवाब देंगे। शाह यहां छत्तीसगढ़ सरकार के ‘बस्तर पंडुम’ उत्सव के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
नक्सलियों के मारे जाने पर कोई खुश नहीं होता
अमित शाह ने कहा कि नक्सली छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आदिवासियों के विकास को रोक नहीं पाएंगे। उन्होंने नक्सलियों से हथियार डालने का भी आग्रह करते हुए कहा, ‘बस्तर में जब गोलियां चलती थीं और बम फटते थे, वे दिन अब खत्म हो गए हैं। मैं नक्सली भाइयों से आग्रह करता हूं कि वे हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हों। आप हमारे अपने हैं। जब कोई नक्सली मारा जाता है, तो कोई भी खुश नहीं होता। बस अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। आप हथियार उठाकर अपने आदिवासी भाइयों और बहनों के विकास को नहीं रोक सकते।’
मोदी सरकार में बस्तर नक्सलमुक्त हो रहा है और विकास का स्वर्णिम कालखंड देख रहा है। दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) में आयोजित ‘बस्तर पंडुम’ में जनजातीय बहनों-भाइयों से संवाद कर रहा हूँ… https://t.co/Mr7fKDh2p5
— Amit Shah (@AmitShah) April 5, 2025
शाह ने कहा कि विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनने वाले आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को केंद्र और राज्य सरकारों से पूरी सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘इस क्षेत्र को विकास की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच साल में बस्तर को सबकुछ देना चाहते हैं। बस्तर ने 50 साल में विकास नहीं देखा है। हालांकि, यह तभी हो सकता है जब बच्चे स्कूल जाएं, तहसीलों में स्वास्थ्य सुविधाएं हों। हर किसी के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और स्वास्थ्य बीमा हो।’
इस वर्ष तीन माह के भीतर 521 नक्सलियों ने किया सरेंडर
गृह मंत्री ने कहा, ‘2025 के पहले तीन माह में अब तक कुल 521 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं जबकि 2024 में 881 ने आत्मसमर्पण किया था। जिन नक्सलियों ने यह समझ लिया है कि विकास के लिए हथियारों, आईईडी और ग्रेनेड की जरूरत नहीं है, बल्कि कंप्यूटर और कलम की जरूरत है, उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है।’
जो बस्तर-सुकमा क्षेत्र कभी लाल आतंक (नक्सलवाद) का गढ़ था, जहाँ लोग भय के कारण घरों से नहीं निकलते थे, आज वहाँ की डोंडरा पंचायत में भयमुक्त होकर फोन चलाते बच्चों को देख मन आनंदित है।
विकास और विश्वास को दर्शाती यह तस्वीर आपसे साझा कर रहा हूँ। pic.twitter.com/GQZTl5QzXu
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बस्तर पंडुम महोत्सव के राष्ट्रीय स्तर पर आयोजन का आश्वासन
बस्तर पंडुम महोत्सव की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि अगले वर्ष इसे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अनुरोध करेंगे कि वे उद्घाटन समारोह में शामिल हों और आदिवासी भाइयों और बहनों को आशीर्वाद दें।