नई दिल्ली, 22 जून। जातीय हिंसा की आग में पिछले 50 दिनों से सुलग रहे पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के हालात से चिंतित केंद्र सरकार ने पहली बार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी दलों से बातचीत करने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। मणिपुर में गत तीन मई से हिंसा की शुरुआत हुई थी और अब तक 110 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को दोपहर तीन बजे नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।’ यह घोषणा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा नई दिल्ली में शाह से मुलाकात के तुरंत बाद हुई।
सरमा एनडीए के पूर्वोत्तर के गुट NEDA (नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस) के संयोजक भी हैं। उन्होंने 10 जून को इम्फाल का दौरा किया था और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और कई राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की थी।
दूसरी ओर विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठा रहा है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि हिंसा ने राज्य में ‘गहरा घाव’ छोड़ा है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता ने राज्य के लोगों से शांति की अपील करते हुए एक वीडियो भी जारी किया। यह भी संयोग है कि सर्वदलीय बैठक से एक दिन पहले 23 जून को भाजपा का मुकाबला करने की रणनीति पर काम करने के लिए 20 विपक्षी दलों के नेताओं के पटना में इकट्ठा होने की उम्मीद है।
हिंसा के बाद विपक्ष कई बार सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर चुका है
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तीन मई से शुरू हुई हिंसा के बाद विपक्ष भी कई बार सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करता रहा है। पिछले 50 दिनों से जारी हिंसा में अब तक करीब 10 हजार से ज्यादा घर जलाए जा चुके हैं। चार हजार से ज्यादा आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं और हजारों लोग पलायन कर चुके हैं। कई लोग मिजोरम और असम जैसे राज्यों में भाग कर शरण ले रहे हैं। वहीं राहत शिविरों में 50 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं।