उतार-चढ़ाव के बीच शेयर बाजार लगभग स्थिर, सेंसेक्स 43 अंक फिसला, निफ्टी में मामूली बढ़त
मुंबई, 23 दिसम्बर। भारतीय शेयर बाजार में पिछले दो कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर मंगलवार को विराम लगा और उतार-चढ़ाव के बीच दोनों बेंचमार्क इंडेक्स लगभग स्थिर रुख के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स में जहां 43 अंकों की मामूली गिरावट दिखी वहीं एनएसई निफ्टी पांच अंकों की बढ़त में रहा।
दरअसल, वैश्विक बाजार के मिले-जुले संकेतों के बीच एफएमसीजी, मेटल और एनर्जी शेयरों ने जहां बाजार को संभालने का काम किया वहीं आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा व रियल्टी शेयरों में बिकवाली देखने को मिली। यही वजह रही कि अंत में बाजार लगभग सपाट बंद हुआ।
सेंसेक्स 85,524.84 अंक पर बंद
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 42.64 अंक यानी 0.05 प्रतिशत टूटकर 85,524.84 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, इसने जहां 85,704.93 अंक का उच्चतम स्तर तक देखा वहीं 85,342.99 अंक के निचले स्तर तक भी यह गिरा। सेंसेक्स से संबद्ध कम्पनियों में 13 के शेयर मजबूत रहे जबकि 17 में गिरावट रही।
निफ्टी 4.75 अंकों की बढ़त से 26,177.15 पर बंद
उधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी मामूली 4.75 अंक यानी 0.02 प्रतिशत बढ़कर 26,177.15 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी से संबद्ध कम्पनियों में 26 के शेयर हरे निशान पर रुके और 24 में कमजोरी रही। व्यापक बाजार में छोटी कम्पनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.38 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कम्पनियों से संबंधित मिडकैप 0.07 प्रतिशत के लाभ में रहा।
इन्फोसिस के स्टॉक सर्वाधिक 1.28 फीसदी के नुकसान में रहे
सेंसेक्स में शामिल कम्पनियों में इन्फोसिस के स्टॉक सर्वाधिक 1.28 फीसदी के नुकसान में रहे। भारती एयरटेल, अदाणी पोर्ट्स, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, इटर्नल, एक्सिस बैंक और मारुति के शेयर भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में आईटीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील और एचडीएफसी बैंक शामिल हैं।
एफआईआई ने 457.34 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 457.34 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने लिवाली जारी रखी और 4,058.22 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.10 प्रतिशत बढ़कर 62.13 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहा।
