डॉक्यूमेंट्री विवाद के बीच भाजपा सांसद महेश जेठमलानी ने लगाया आरोप – बीबीसी ‘बिकाऊ’ है, चीनी कम्पनी से लिए पैसे
नई दिल्ली, 31 जनवरी। गुजरात दंगे पर केंद्रित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर मचे बवाल के बीच भाजपा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने बीबीसी पर बड़ा आरोप लगाया है।
महेश जेठमलानी ने एक ट्वीट में सवाल किया कि क्या ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन का ‘एंटी-इंडिया’ मूवमेंट ‘कैश-फॉर-प्रोपेगैंडा डील’ के तहत चल रहा था? जेठमलानी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘बीबीसी इतना एंटी-इंडिया क्यों है? क्योंकि इसे चीन से जुड़े हुआवेई (Huawei) और उसके एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए (बीबीसी के साथी यात्री, कॉमरेड जयराम?) पैसे ले रहा है। यह सीधे-सीधे एक कैश-फॉर-प्रोपेगैंडा डील है। बीबीसी बिकाऊ है।’
Why is #BBC so anti-India? Because it needs money desperately enough to take it from Chinese state linked Huawei (see link) & pursue the latter’s agenda (BBC a fellow traveller, Comrade Jairam?)It’s a simple cash-for-propaganda deal. BBC is up for sale https://t.co/jSySg542pl
— Mahesh Jethmalani (@JethmalaniM) January 31, 2023
भाजपा सांसद ने अगस्त, 2022 में यूके की पत्रिका ‘द स्पेक्टेटर’ में प्रकाशित एक खबर का लिंक साझा किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बीबीसी हुआवेई से पैसे ले रहा था। दरअसल चीनी कम्पनियों से BBC के लिंक और उनसे पैसे लेने के बारे में यूके की समाचार एजेंसी ने एक खबर छापी थी।
भाजपा सांसद ने कहा कि बीबीसी का भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक लंबा इतिहास रहा है। पीएम मोदी के विरोध में बनी डॉक्यूमेंट्री इसी दुर्भावनापूर्ण प्रवृत्ति की निरंतरता में बनाई गई है।
Apart from publishing a truncated map of India w/o J&K until 2021 when it apologised to the Indian govt & corrected the map, #BBC has a long history of spreading disinformation against India. The anti PM documentary is a continuation of this malafide trendhttps://t.co/JQkOKelnKF
— Mahesh Jethmalani (@JethmalaniM) January 31, 2023
गौरतलब है कि देश में इस विवादित डॉक्युमेंट्री को लेकर विवाद जारी है। बीबीसी सीरीज ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ दो भाग में बनी है। डॉक्यूमेंट्री का दावा है कि इसने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की जांच की, जब मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। फिलहाल भारत सरकार ने श्रृंखला को महज ‘दुष्प्रचार’ करार दिया है।