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अमेरिकी जनरल का दावा – यूक्रेन से युद्ध में अब तक मार जा चुके हैं एक लाख रूसी सैनिक

अमेरिकी जनरल का दावा – यूक्रेन से युद्ध में अब तक मार जा चुके हैं एक लाख रूसी सैनिक

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वॉशिंगटन/मॉस्को, 10 नवम्बर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी लड़ाई में दुनिया नौ महीने से लगातार तबाही देख रही है। अमेरिका के एक जनरल का दावा है कि अब तक एक लाख से अधिक रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं। कई खबरों में दावा किया जा चुका है कि रूस को यूक्रेन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से एक सैनिकों की कमी है।

इसी क्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन तीन लाख रिजर्व सैनिकों की आंशिक तैनाती के आदेश दे चुके हैं। कुछ दिनों पहले पुतिन ने एक नए कानून पर साइन किए हैं, जिसके तहत अब रूस के कुख्यात अपराधियों को भी सेना में भर्ती किया जा सकेगा।

कीव की सेना में भी हताहतों की संख्या लगभग एक लाख

शीर्ष अमेरिकी जनरल मार्क मिले ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन में 1,00,000 से अधिक रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं या घायल हुए हैं। कीव की सेना में भी हताहतों की संख्या इसी के आसपास है। मिले ने न्यूयॉर्क के इकोनॉमिक क्लब में कहा, ‘आप 1,00,000 से अधिक रूसी सैनिकों की मौत या घायल देख रहे हैं। ऐसा ही स्थिति संभवतः यूक्रेनी पक्ष के लिए भी है।’ मिले की ओर से दिए गए इन आंकड़ों की हालांकि पुष्टि नहीं की जा सकती, लेकिन ये इस लड़ाई में अमेरिकी सरकार की ओर से अब तक के सबसे सटीक आंकड़े हैं।

बातचीत की एक खिड़की खुली है?

मिले ने कहा कि युद्ध में रूस या यूक्रेन के लिए सैन्य जीत संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि लड़ाई को खत्म करने के लिए बातचीत का एक मौका है। एक आपसी सहमति होनी चाहिए कि सैन्य जीत सैन्य साधनों से प्राप्त नहीं की जा सकती। इसलिए आपको अन्य साधनों की ओर रुख करने की जरूरत है। एक मौका है, बातचीत के लिए अवसर की एक खिड़की खुली है।

क्या इसीलिए पीछे हट रहे पुतिन?

मिले ने एक लाख रूसी सैनिकों के मारे का अनुमान ऐसे समय में लगाया है, जब रूस ने खेरसॉन से अपने सैनिकों की वापसी का फैसला लिया है। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने सैनिकों की वापसी की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस की सेना के कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन की सलाह के बाद यह फैसला लिया गया है। सितम्बर में पुतिन ने जनमत संग्रह के बाद खेरसॉन को रूस में मिलाने की घोषणा की थी। इसीलिए सैनिकों की वापसी रूसी राष्ट्रपति के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका है।

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