1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित ‘शिवलिंग’ का होगा साइंटिफिक सर्वे, इलाहाबाद हाई कोर्ट की हरी झंडी
ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित ‘शिवलिंग’ का होगा साइंटिफिक सर्वे, इलाहाबाद हाई कोर्ट की हरी झंडी

ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित ‘शिवलिंग’ का होगा साइंटिफिक सर्वे, इलाहाबाद हाई कोर्ट की हरी झंडी

0
Social Share

प्रयागराज, 12 मई। वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के मामले में हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत हुई है। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे की हरी झंडी दे दी है।

एएसआई तय करेगा शिवलिंग के सर्वे का तरीका

अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) तय करेगा कि किस तरीके से बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए इसका सर्वे किया जा सकता है। एएसआई ने एक दिन पहले गुरुवार को ही अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में सौंपी थी। इसमें बताया गया था कि बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए पांच तरीकों से इसका साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है।

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया, ‘यह हमारी लड़ाई की जीत है। एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कई तकनीक हैं, जिसमें बिना पार्टिकल लिए किसी भी चीज की पूरी प्रकृति का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रिजेक्ट कर दिया है। अब शिवलिंग की जांच हो सकेगी।’

हाई कोर्ट ने एएसआई से कहा है कि वह 22 मई को जिला जज के सामने पेश होकर सर्वे के बारे में विस्तृत जानकारी देगा। विष्णु जैन ने कहा कि पहले कहा गया था कि साइंटिफिक सर्वे नहीं हो सकता। उसे अब रिजेक्ट कर दिया गया है। सर्वे से शिवलिंग के बारे में सभी जानकारी मिल जाएगी। शिवलिंग की आयु के साथ ही लंबाई चौड़ाई सभी की जानकारी मिल सकेगी।

सर्वे के दौरान वजू खाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी

गौरतलब है कि पिछले वर्ष ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी के कोर्ट ने परिसर के सर्वे का आदेश दिया था। कोर्ट से नियुक्त कमिश्रर को सर्वे के दौरान वजू खाने में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। हिन्दू पक्ष ने इसे ही असली शिवलिंग और भगवान विश्वेश्वर बताया जबकि मुस्लिम पक्ष ने इस फव्वारा बताया था। शिवलिंग जैसी आकृति होने के कारण इस इलाके को सील कर दिया गया था। वजूखाना भी बंद कर दिया गया है।

जिला जज की अदालत ने ठुकरा दी थी कॉर्बन डेटिंग की मांग

इसके बाद हिन्दू पक्ष की तरफ से कथित शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग जांच की मांग की गई थी। जिला जज की अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इसकी इजाजत इस आधार पर नहीं दी कि शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है। जिला जज के इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब एएसआई 22 तारीख को जिला जज को बताएगा कि बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए भी जांच हो सकती है। इसी के बाद तय होगा कि कौन सी जांच की जाएगी।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code