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कनाडा : खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के चारों आरोपितों को मिली जमानत

कनाडा : खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड के चारों आरोपितों को मिली जमानत

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ओटावा, 9 जनवरी। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में चारों आरोपितों को कनाडा के एक कोर्ट से जमानत मिल गई है। इस मामले पर अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। उल्लेखनीय है कि कनाडा के सरे में जून, 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। हत्या के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले ने दुनियाभर का ध्यान खींचा था क्योंकि कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने हत्या का आरोप भारत सरकार के एक एजेंट पर लगाया था। हालांकि भारत सरकार ने कनाडा के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था।

चारों आरोपितों के स्टेटस पर लिखा है N

मीडिया की खबरों के अनुसार सभी चारों आरोपितों को स्टे ऑफ प्रोसिडिंग्स के तहत बेल दी गई है। 18 नवम्बर, 2024 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सामने ये सभी आरोपित पेश किए गए थे। कोर्ट रिकॉर्ड्स के मुताबिक, फिलहाल चारों के स्टेटस पर N लिखा हुआ है। जिसका मतलब हुआ कि ये फिलहाल कस्टडी में नहीं है। यानी इन्हें डिटेन नहीं किया गया है और शायद चुनिंदा शर्तों के तहत इन्हें जमानत भी दे दी गई है।

ये हैं चारों आरोपित

निज्जर की हत्या के मामले में जिन चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें करन बरार, कमलप्रीत सिंह, करनप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह शामिल हैं। इन चारों पर फर्स्ट डिग्री मर्डर और हत्या की साजिश रचने का आरोप था। अब इस मामले की अगली सुनवाई ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में 11 फरवरी को होगी।

चारों आरोपितों में तीन भारतीय

निज्जर की हत्या के आरोप 22 वर्षीय करन बरार, 22 वर्षीय कमलप्रीत सिंह और 28 वर्षीय करनप्रीत सिंह के नाम के इनिशियल K से शुरू होने की वजह से इन्हें K ग्रुप कहा जा रहा है। ये सभी भारतीय हैं। ये सभी कनाडा के एडमॉन्टन में रह रहे थे।

तत्कालीन कनाडाई पीएम ट्रूडो ने भारत पर लगाया था हत्या का आरोप

तत्कालीन कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने 2023 में संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत पर लगाया था। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था। तब से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। हालांकि ट्रूडो को अपनी ही लिबरल पार्टी में बढ़ते असंतोष के चलते पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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