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तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश व केरल में भी Coldrif कफ सिरप प्रतिबंधित, छिंदवाड़ा में अब तक 10 बच्चों की मौत

तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश व केरल में भी Coldrif कफ सिरप प्रतिबंधित, छिंदवाड़ा में अब तक 10 बच्चों की मौत

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भोपाल/छिंदवाड़ा, 4 अक्टूबर। तमिलनाडु के बाद शनिवार को मध्य प्रदेश और केरल में भी कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप पर प्रतिबंध लगा गया है। इस कफ सिरप को पिलाने से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 27 दिनों के भीतर 10 बच्चों की मौत हो चुकी है।

उधर, राजस्थान में डेक्सट्रोमेथोरपन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप और उसे बनाने वाली कम्पनी केसंस फार्मा को भी प्रतिबंधित कर दिया गया। इस कम्पनी का प्लांट जयपुर में है। इस सिरप से राजस्थान में दो बच्चों की जान गई थी।

दरअसल, कोल्ड्रिफ (Coldrif) दवा की मैन्युफैक्चरिंग तमिलनाडु के कांचीपुरम में हो रही थी। बच्चों की मौत के बाद तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य में इस दवा के थोक और रिटेल स्टॉक को सीज कर दिया गया है।

सीएम मोहन यादव बोले – दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बयान जारी कर कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम यादव ने ‘X’ पर लिखा, ‘छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्य प्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कम्पनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है।’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कठोर एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर काररवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा’

स्थानीय स्तर पर छिंदवाड़ा प्रशासन ने पहले ही Coldrif और Nextro-DS सिरप पर जिला-व्यापी प्रतिबंध लगा दिया था। अब राज्य स्तर पर विशेष जांच टीम गठित की गई है, जो सिरप के वितरण, आपूर्ति चेन और चिकित्सकों की भूमिका की गहन जांच करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की टीम भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है, जो सैंपल जांच में सहयोग कर रही है।

स्थानीय डॉक्टरों के सुझाए गए सिरप के सेवन से बच्चों की हालत बिगड़ी

गौरतलब है कि छिंदवाड़ा के परासिया क्षेत्र में वायरल फीवर के इलाज के लिए स्थानीय डॉक्टरों के सुझाए गए इस सिरप के सेवन के बाद बच्चों की हालत बिगड़ने लगी। वे छिंदवाड़ा और नागपुर के अस्पतालों में भर्ती हुए, लेकिन कई को बचाया नहीं जा सका। परिवारों का आरोप है कि सर्दी-खांसी की सामान्य दवा ने उनके बच्चों की जान ले ली।

वहीं स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों को सलाह दी है कि बच्चों को कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न दें। साथ ही, जिला स्तर पर 1,400 से अधिक बच्चों का स्क्रीनिंग अभियान जारी है ताकि संभावित प्रभावित बच्चे समय रहते पहचाने जा सकें।

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