1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. बिहार चुनाव में हार के बाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी बोलीं – ‘राजनीति के साथ परिवार से भी नाता तोड़ रही हूं’
बिहार चुनाव में हार के बाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी बोलीं – ‘राजनीति के साथ परिवार से भी नाता तोड़ रही हूं’

बिहार चुनाव में हार के बाद लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी बोलीं – ‘राजनीति के साथ परिवार से भी नाता तोड़ रही हूं’

0
Social Share

नई दिल्ली, 15 नवम्बर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव का परिवार सदमे में हैं। राजद की उम्मीदों के उलट परिणाम आने के बाद पहले बड़े बेटे तेज प्रताप ने छोटे भाई तेजस्वी को फेलस्वी करार देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए नेताओं की जमकर तारीफ की तो शनिवार को बेटी रोहिणी आचार्य ने बड़ा राजनीतिक धमाका करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा कर दी।

संजय यादव व रमीज का नाम लेकर रोहिणी ने सारी गलती खुद ओढ़ी

रोहिणी ने अपने बयान में चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि संजय यादव और रमीज ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था और अब वह सारी गलती और सारे आरोप अपने ऊपर ले रही हैं। रोहिणी ने एक्स पर लिखा, ‘मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।’ हालांकि रोहिणी की पोस्ट पर पार्टी या परिवार की ओर से अब तक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी के अंदरखाने इस पोस्ट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

3 वर्ष पहले पिता लालू को किडनी दान कर चुकी हैं रोहिणी

गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को पांच दिसम्बर, 2022 को किडनी दान की थी। यह ट्रांसप्लांट सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में सफलतापूर्वक हुआ था। रोहिणी अपने परिवार के साथ सिंगपुर में ही रहती हैं। फिलहाल वह चुनाव के चलते बिहार आई हुई थीं और अपने भाई तेजस्वी के लिए प्रचार कर रही थीं। रोहिणी 2024 लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

तेजस्वी के सलाहकार व राज्यसभा सांसद हैं संजय यादव

रोहिणी ने अपनी पोस्ट में जिन संजय यादव का जिक्र किया है, वह तेजस्वी यादव के सलाहकार और आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं। चुनाव से पहले एक वायरल फोटो में संजय को तेजस्वी की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ की बस में फ्रंट सीट पर बैठे दिखाया गया था, जिसे रोहिणी ने ‘अपमान’ बताया था। उन्होंने इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर साझा कर लिखा था कि यह सीट पार्टी के सर्वोच्च नेता की होती है। यदि कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है तो अलग बात है।

संजय को जयचंद की संज्ञा देते रहे हैं रोहिणी व तेज प्रताप

इसके बाद सोशल मीडिया पर रोहिणी आचार्य को लेकर तरह-तरह की ट्रोलिंग शुरू हो गई थी। कई लोगों ने दावा किया था कि रोहिणी ने लालू यादव को किडनी नहीं दी। वहीं कई लोगों ने कहा था कि रोहिणी यादव पार्टी में पद चाहती हैं। आलोचनाओं के बाद रोहिणी यादव ने संजय को ‘जयचंद’ कहते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तेजस्वी व लालू समेत RJD नेताओं को अनफॉलो कर दिया था। माना जा रहा था कि तब से ही परिवार में ठनी हुई थी।

JJD के संस्थापक तेज प्रताप खुद महुआ सीट से हार गए

उल्लेखनीय है कि तेज प्रताप भी संजय यादव को ‘जयचंद’ बताकर निशाना साधते रहे हैं। वह आरोप लगाते रहे हैं कि संजय यादव के कहने पर ही तेजस्वी यादव ने उन्हें आरजेडी से निष्कासित कराया। दिलचस्प यह रहा कि राजद से निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप ने नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) का गठन किया, लेकिन बीते चुनाव में उनकी पार्टी का खाता तक नहीं खुला। वह खुद भी महुआ सीट से तीसरे स्थान पर पिछड़ गए।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code