Ram Swarup University: एबीवीपी छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद अब SRMU पर FIR, सवालों के घेरे में अचानक जारी हुई मान्यता
बाराबंकी, 4 सितंबर। यूपी के बाराबंकी की श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में एबीवीपी छात्रों पर लाठीचार्ज के मामले प्रबंधन के खिलाफ कोतवाली नगर में बुधवार की देर रात मुकदमा दर्ज किया गया है। उच्च शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के अपर सचिव डॉक्टर दिनेश सिंह ने कोतवाली नगर में दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा है कि उत्तर प्रदेश में राज्य उच्च शिक्षा परिषद का नोडल अधिकरण बनाया गया है। वहीं इस बीच बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने यूनिवर्सिटी को औपचारिक रूप से मान्यता देने का पत्र जारी कर दी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यह मंजूरी इस पूरे घटनाक्रम के बाद अचानक कैसे मिल गई। आखिर दो साल से इसपर रोक क्यों थी। क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन इस तरह के किसी बवाल का ही इंतजार कर रहा था।
दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से 2023-24 और 2024-25 में विधि संकाय की कक्षाएं बिना मान्यता के संचालित की जा रही थी। अयोध्या मंडल के आयुक्त की ओर से की गई जांच में पाया गया है कि सोमवार के दिन तक विश्वविद्यालय को विधि संकाय कक्षा संचालन की मान्यता नहीं थी। इसके विपरीत प्रवेश लिया गया और परीक्षाएं संचालित की गई। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि कोतवाली नगर में श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय के प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि तीन दिन पूर्व विश्वविद्यालय में एलएलबी की मान्यता का नवीनीकरण न होने से छात्रों का भविष्य बर्बाद होने की बात पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व कॉलेज के छात्रों ने प्रदर्शन शुरू किया था। प्रदर्शन को खत्म कराने को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन के इशारे पर पुलिस द्वारा छात्रों की बर्बता से पिटाई कराने के आरोप लग रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ तहसीलदार कोर्ट के आदेश की जानकारी होने पर छात्रों व राजनीतिक दलों ने कार्रवाई तेज करने का मुद्दा उठाने लगे हैं। मामला तूल पकड़ने लगा तो राजस्व प्रशासन भी अब कार्रवाई के लिए मूड बना रहा है।
वहीं पूरे घटनाक्रम के बीच एक और नाटकीय मोड़ सामने आया। श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में एलएलबी की मान्यता को लेकर जो बखेड़ा मचा था। जिस मंजूरी के न मिलने और बिना मान्यता एलएलबी की पढ़ाई कराने को लेकर छात्रों द्वारा तालाबंदी, प्रदर्शन और हंगामा किया जा रहा था। वही मंजूरी अचानक अब बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने औपचारिक रूप से मान्यता देने का पत्र जारी कर दी है। यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार नीरजा जिंदल ने बताया कि दो साल से जो मामला लंबित था उसे बीसीआई ने मान्यता को मंजूरी दे दी है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यह मंजूरी इस पूरे घटनाक्रम के बाद अचानक कैसे मिल गई। आखिर दो साल से इसपर रोक क्यों थी। क्या यूनिवर्सिटी प्रशासन इस तरह के किसी बवाल का ही इंतजार कर रहा था।
