आयकर के बाद अब GST से राहत की उम्मीद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत
नई दिल्ली, 9 मार्च। पिछले माह बजट भाषण में आयकर को लेकर बड़ा एलान करने वालीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी रेट और स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का काम लगभग अंतिम चरण में है और जल्द ही जीएसटी दर घटाने का फैसला लिया जाएगा।
स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का काम अपने आखिरी फेज में
‘द इकोनॉमिक टाइम्स’ अवार्ड्स में एक सवाल का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों और स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का काम लगभग अपने आखिरी फेज में है। उन्होंने कहा कि राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) एक जुलाई, 2017 को जीएसटी की शुरुआत के समय 15.8 प्रतिशत से घटकर 2023 में 11.4 प्रतिशत हो गई है और इसमें और कमी आएगी।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने सितम्बर, 2021 में दरों को युक्तिसंगत बनाने और स्लैब में बदलाव का सुझाव देने के लिए मंत्रियों के समूह (जीओएम) का गठन किया था। वित्त मंत्री ने कहा, ’जीओएम ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन अब इस चरण में मैंने एक बार फिर से प्रत्येक समूह के काम की पूरी तरह से समीक्षा करने का बीड़ा उठाया है और फिर शायद मैं इसे परिषद के पास ले जाऊंगी। तब विचार किया जाएगा कि हम इस बारे में अंतिम निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं या नहीं।’
दरों को तर्कसंगत बनाने पर कुछ और काम करने की जरूरत
निर्मला सीतारमण ने कहा कि दरों को तर्कसंगत बनाने पर कुछ और काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हम इसे अगली काउंसिल की बैठक में ले जाएंगे। हम कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे दरों में कटौती, तर्कसंगत बनाने, स्लैब की संख्या पर विचार करने आदि पर अंतिम निर्णय लेने के बहुत करीब हैं।’
डिमांड और खपत को बढ़ावा देने का दबाव
दरअसल, सरकार पर डिमांड और खपत को बढ़ावा देने का दबाव है, जिसके लिए जीएसटी काउंसिल अब जीएसटी दरों में कटौती करने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार 12 फीसदी के स्लैब वाले जीएसटी रेट को खत्म कर सकती है। इस स्लैब में आने वाले गुड्स को पांच फीसदी या जरूरत पड़ने पर 18 फीसदी के स्लैब में डाल सकती है। इस कवायद का मकसद जीएसटी रेट स्ट्रक्चर को तर्कसंगत बनाने के साथ खपत को बढ़ाना है।
जीएसटी स्लैब की संख्या घटाने की मांग
दरअसल, लंबे समय से यह मांग उठ रही है कि जीएसटी के स्लैब में बदलाव किया जाए और दरों को तार्किक बनाया जाए। अभी जीएसटी के तहत टैक्स के चार स्लैब हैं। वे चार स्लैब पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के हैं। कुछ लग्जरी व सिन आइटम पर अलग से सेस का प्रावधान है। जीएसटी के स्लैब की संख्या को चार से घटाकर तीन करने की मांग उठती रही है।
