4200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देने के बाद पीएम मोदी ने कहा – यह दशक उत्तराखंड का होगा
पिथौरागढ़, 12 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड 4200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इस क्रम में उन्होंने पिथौरागढ़ जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और लोकार्पण किया।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह दशक उत्तराखंड का होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विकास के नई ऊंचाइयों को छुएगा और उनकी सरकार इसी संकल्प के साथ काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विश्व के सामने कई गंभीर चुनौतियां हैं, तब भारत पूरी दृढता के साथ खड़ा है और देश की आवाज दिन-प्रतिदिन मजबूत हो रही है। भारत विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और पूरी दुनिया में भारत और भारतीयों का गौरवगान हो रहा है।
‘आज हर क्षेत्र, हर मैदान में हमारा तिरंगा ऊंचे से ऊंचा लहरा रहा‘
पीएम मोदी ने कहा कि आज हर क्षेत्र, हर मैदान में हमारा तिरंगा ऊंचे से ऊंचा लहरा रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमारा चंद्रयान वहां पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच पाया। भारत ने उस स्थान को शिव-शक्ति का नाम दिया है। स्पोर्ट्स में भी भारत का दम आज दुनिया देख रही है। हाल में एशियाई खेल समाप्त हुए हैं। इसमें भारत ने इतिहास के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पहली बार भारत के खिलाड़ियों ने 100 से ज्यादा मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया है।’
‘यह देश के हर वर्ग को सुविधा, सम्मान और समृद्धि से जोड़ने का अमृतकाल है‘
उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड के हर गांव में देश के रक्षक हैं। वन रैंक वन पेंशन की उनकी दशकों पुरानी मांग को हमारी ही सरकार ने पूरा किया है।’ विकास कार्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने सीमावर्ती गांवों को अंतिम नहीं बल्कि देश के पहले गांव के रूप में विकसित करना शुरू किया है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत, ऐसे ही सीमावर्ती गांवों का विकास किया जा रहा है। ये भारत का अमृतकाल है। ये देश के हर क्षेत्र, हर वर्ग को सुविधा, सम्मान और समृद्धि से जोड़ने का अमृतकाल है।’
इससे पहले पूर्वाह्न प्रधानमंत्री ने पिथौरागढ में जोलिंगकोंग में पार्वती कुंड में पूजा-अर्चना की। उसके बाद उन्होंने गुंजी गांव में स्थानीय लोगों से बातचीत की और स्थानीय उत्पादों की हस्तशिल्प प्रदर्शनी को देखा। प्रधानमंत्री ने गुंजी में सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सीमा सडक संगठन के कर्मियों से भी बातचीत की। उन्होंने अल्मोडा में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।