जिग्नेश मेवाणी ने असम में जमानत पर छूटने के बाद कहा – ‘मोदी जी, आरएसएस और भाजपा के खिलाफ सदैव लड़ता रहूंगा’
गुवाहाटी, 30 अप्रैल। महिला पुलिस कांस्टेबल के साथ छेड़छाड़ और हमले के आरोपित वडगाम (गुजरात) के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने शनिवार को यहां एक स्थानीय अदालत से जमानत पर रिहाई के बाद केंद्र और असम की भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें केवल मानसिक तौर पर परेशान करने के लिए गिरफ्तार किया गया है और यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
‘यह सब मेरे खिलाफ एक लंबी साजिश का हिस्सा है‘
दरअसल, मेवाणी को जमानत शुक्रवार को ही मिल गई थी, लेकिन अदालत की कागजी खानापूरी के चलते वह आज रिहा हुए। रिहा होने के बाद पत्रकारों से मुखातिब मेवाणी ने पूछा कि क्या उनके ट्वीट पर असम पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी? उन्होंने कहा, ‘यह सब मेरे खिलाफ एक लंबी साजिश का हिस्सा है। सबसे पहले तो जिस आरोप में मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वो ही सरासर गलत है।’
राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए पत्रकारों से प्रश्न पूछा, “मोदी जी गुजरात आ रहे थे और मैंने तो ट्वीट करके उनसे सिर्फ इतना ही कहा न कि उन्हें दंगा प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करनी चाहिए। अब भला इस मामले में मेरे खिलाफ किस तरह से एफआईआर दर्ज हो सकती है?”
महिला पुलिस कांस्टेबल से कथित छेड़छाड़ में गिरफ्तार किए गए थे गुजरात के विधायक
ज्ञातव्य है कि जिस महिला पुलिस कांस्टेबल की शिकायत पर मेवाणी को गिरफ्तार किया गया, वह उन्हें गिरफ्तारी के बाद गुवाहाटी एयरपोर्ट से कोकराझार लाने वाली पुलिस टीम का हिस्सा थी। महिला कांस्टेबल ने जिग्नेश पर आरोप लगाया कि जब वह असम के बरपेटा जिले से गुजर रहे थे तो उसे अपशब्दों के साथ अश्लील इशारे किए और उसे धक्का दिया।
इस मामले में सुनावई करते हुए बरपेटा के जिला और सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को मेवाणी को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर गलत तरीके से लिखी गई थी। वहीं इस मामले से पहले ट्वीट वाले मामले में गुजरात से असम लाये जाने के मामले में कोकराझार कोर्ट के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने जमानत दे दी थी।
जिग्नेश ने महिला कांस्टेबल द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर पर हैरानी जताते हुए कहा कि इस महिला पर सरकार ने इतना भद्दा आरोप लगाने के लिए कितना ज्यादा दबाव डाला होगा। मेवाणी ने कहा, ‘जो भी उनसे (सत्ता से) सवाल करता है, सच बोलता है, वो उसके खिलाफ मामले दर्ज करते हैं। जिस तरह से असम की जनता और कांग्रेस ने मुझे समर्थन दिया, वह मेरे लिए काफी राहत देने वाला था।’
‘यह सिर्फ मेरे नहीं बल्कि पूरे दलित समाज के खिलाफ साजिश‘
अपनी गिरफ्तारी को दलित समाज से जोड़ते हुए उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ मेरे नहीं बल्कि पूरे दलित समाज के खिलाफ साजिश है। गुजरात के लोग देख रहे हैं कि कैसे उनकी आवाज उठाने वाले को ये लोग दबा रहे हैं। यह मान लीजिए कि भाजपा को इसका बुरा खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा।’
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए जिग्नेश ने कहा, ‘वो नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या को गिरफ्तार नहीं कर पाते हैं, जो इस देश के हजारों करोड़ रुपये लेकर विदेश भाग गए। ये सिर्फ हम जैसे लोगों को ही परेशान करेंगे, दरअसल भाजपा सरकार का यही आचरण है। मैं देश के संविधान में विश्वास रखता हूं, इसलिए मोदी जी, आरएसएस और भाजपा के खिलाफ लगातार लड़ता रहूंगा। मैं सच के लिए और गुजरात के लोगों के लिए हर समय लड़ता रहूंगा।’