जम्मू-कश्मीर एग्जिट पोल : कांग्रेस-एनसी सरकार बनाने के करीब, जम्मू में भाजपा मजबूत, कश्मीर घाटी में छाए अब्दुल्ला
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। दो विधानसभा चुनावों के अंतिम परिणाम तो आठ अक्टूबर को सामने आएंगे, लेकिन शनिवार की शाम विभिन्न सर्वे एजेंसियों की ओर से कराए गए एग्जिट पोल के जो नतीजे सामने आए हैं, वे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदों के एकदम उलट हैं। मतलब साफ है कि हरियाणा में जहां कांग्रेस की 10 वर्षों बाद वापसी का रास्ता साफ दिखाई दे रहा है वहीं जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस व नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन सरकार बनाने के करीब है।
कांग्रेस-एनसी को 40-48 सीटें मिलने का अनुमान, भाजपा को 27-32 सीटें
हालांकि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार और कुल मिलाकर 10 वर्षों बाद विधानसभा चुनाव देख रहे जम्मू-कश्मीर में खंडित जनादेश के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आजतक-C Voter के एग्जिट पोल में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को 90 में से 40-48 सीटें मिलती दिख रही हैं जबकि भाजपा को 27 से 32 सीटें मिलने की संभावना है। पीडीपी को 6 से 12 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि निर्दलीयों को भी 6 से 11 सीटें मिलती दिख रही हैं।
कुल मिलाकर देखें तो जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही भविष्य के शासन की झलक साफ साफ दिखाई देने लगी है। एनसी और पीडीपी नेताओं की तरफ से जैसी संभावना जताई जा रही थी, संकेत भी वैसे ही मिल रहे हैं। अब तो यह भी पक्का लग रहा है कि जम्मू-कश्मीर में जनता की चुनी हुई सरकार बन जाने के बावजूद शासन व्यवस्था में कोई खास बदलाव नहीं नजर आने वाला है।
तीन चरणों के चुनाव में 63.88 फीसदी वोटिंग हुई थी
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में इस बार तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुआ था। गत एक अक्टूबर को 90 विधानसभा सीटों पर आखिरी चरण को वोटिंग पूरी हुई। इससे पहले 18 सितम्बर को पहले और 25 सितम्बर को दूसरे चरण का मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के अनुसार तीन चरणों में कुल 63.88 प्रतिशत की बंपर वोटिंग दर्ज की गई है।
पिछले चुनाव (2014) की बात करें तो कांग्रेस-एनसी इस गठबंधन ने 24 सीटें जीती थीं वहीं इस बार के एग्जिट पोल में उसे 40 से 48 सीटें मिलने की संभावना है। यह पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 18 से 22 सीटों का इजाफा है।
वहीं, भाजपा की स्थिति भी स्थिर नजर आ रही है। पिछले चुनाव में 25 सीटों के मुकाबले इस बार उसे 27-32 सीटें मिल सकती हैं। यानी भाजपा को 2 से 4 सीटों का फायदा हो सकता है। लेकिन सबसे बड़ा नुकसान पीडीपी (PDP) को होता दिख रहा है। पिछली बार 28 सीटें जीतने वाली पीडीपी को इस बार केवल 6 से 12 सीटें मिलने की संभावना है। यानी करीब 16-22 सीटों का भारी नुकसान हो सकता है। अन्य दलों की बात करें तो इन्हें 6 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है, जो पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 2 सीटों का इजाफा है।
जम्मू में भाजपा की बढ़त बरकरार, I.N.D.I.A. ब्लॉक भी मजबूत
सर्वे के अनुसार भाजपा जम्मू क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बनाए हुए है जबकि कांग्रेस-एनसी गठबंधन को भी अच्छा समर्थन मिलता दिख रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव (2014) में भाजपा ने जम्मू क्षेत्र की 43 में 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार के एग्जिट पोल में उसे 27 से 31 सीटें मिलने का अनुमान है, जो 2 से 6 सीटों की बढ़त को दिखाता है। कांग्रेस और एनसी को 2014 में जहां आठ सीटें मिली थीं, वहीं इस बार सर्वे के मुताबिक इस गठबंधन को 11 से 15 सीटें मिल सकती हैं। यानी इंडी ब्लॉक को यहां 3 से 7 सीटों का इजाफा होता दिख रहा है।
PDP ने पिछले चुनाव में जम्मू क्षेत्र से तीन सीटें जीती थीं, इस बार सिर्फ 0 से 2 सीट पर सिमट सकती है। अन्य दलों के लिए जम्मू में इस बार कोई खास उम्मीद नहीं दिख रही है। पिछली बार अन्य को सिर्फ एक सीट मिली थी और इस बार भी 0-1 सीट मिलने का अनुमान है।
कश्मीर घाटी में I.N.D.I.A. ब्लॉक मजबूत, PDP को भारी नुकसान
आजतक-C Voter एग्जिट पोल सर्वे के मुताबिक कश्मीर घाटी में इस बार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन को बड़ी जीत मिलती दिख रही है जबकि PDP को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
पिछले चुनाव (2014) में I.N.D.I.A. ब्लॉक को कश्मीर घाटी में 16 सीटें मिली थीं। इस बार के एग्जिट पोल में उसे 29-33 सीटें मिलने का अनुमान है, जो करीब 15 सीटों की बड़ी बढ़त को दिखाता है। वहीं PDP ने 2014 में घाटी में 25 सीटें जीती थीं, इस बार एग्जिट पोल में वह सिर्फ 6-10 सीटों तक सिमटती नजर आ रही है।
घाटी में भाजपा की स्थिति जस की तस
भाजपा को पिछले चुनाव की तरह इस बार भी घाटी में कोई सीट मिलती नहीं दिख रही है। सर्वे के अनुसार उसे 0-1 सीट मिलने का अनुमान है। सर्वे के अनुसार घाटी में अन्य दलों का प्रदर्शन इस बार थोड़ा बेहतर हो सकता है। पिछले चुनाव में जहां अन्य को 5 सीटें मिली थीं, वहीं इस बार इनके लिए 6-10 सीटों का अनुमान सामने आया है।