छावला दुष्कर्म-हत्या केस में नया मोड़, आरोपितों को बरी करने पर सुप्रीम कोर्ट में दायर होगी याचिका
नई दिल्ली, 21 नवंबर। फरवरी, 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म और फिर हत्या के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस बाबत मंजूरी प्रदान कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई है।
दरअसल, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हुए छावला सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में सबूतों के अभाव में तीनों आरोपितों को बरी कर दिया था। वहीं, 2012 का यह चर्चित मामला था, जिसमें 19 वर्षीय युवती से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था और फिर बड़ी बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी।
- पीड़िता के माता-पिता चाहते थे पुनर्विचार याचिका
वहीं, जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो फैसले में दिल्ली पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए गए थे और आरोपितों सबूतों और गवाहों के अभाव में बरी कर दिया गया था। इस फैसले के बाद छावला सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों ने प्रतिक्रिया में कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे।
दरअसल, 2012 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को रिहा कर दिया था। उधर, पीड़िता का परिवार आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग कर रहा है। इस बाबत पिछले दिनों पीड़िता के माता-पिता ने एलजी वीके सक्सेना से मिलकर पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए गुहार भी लगाई थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली कोर्ट के फांसी के फैसलों को बरकरार रखा था।