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भारत पहली बार डिजिटल जनगणना के लिए तैयार : 11,718 करोड़ रुपये का बजट कैबिनेट से मंजूर

भारत पहली बार डिजिटल जनगणना के लिए तैयार : 11,718 करोड़ रुपये का बजट कैबिनेट से मंजूर

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नई दिल्ली, 12 दिसम्बर। भारत में पहली बार डिजिटल जनगणना की तैयारी शुरू हो गयी है। 2027 में प्रस्तावित पहली डिजिटल जनगणना के लिए शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में 11,718 करोड़ के बजट को मंजूरी दी गई। डिजिटल जनगणना के काम में 30 लाख कर्मचारियों को लगाया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट में तीन बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। सबसे पहला फैसला जनगणना 2027 को लेकर है। जनगणना के, जो देश की बहुत बड़ी प्रक्रिया है, लिए 11,718  करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया है।

दो चरणों में होगी जनगणना,अप्रैल 2026 से शुरू होगी हाउसिंग जनगणना

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 2027 से देशभर में जनगणना होगी। यह जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना होगी, जो अप्रैल से सितम्बर 2026 तक होगी जबकि दूसरे चरण के तहत जनसंख्या की गणना होगी, जो फरवरी 2027 से शुरू होगी। उन्होंने बताया कि जनगणना का डिजिटल डिजाइन डेटा संरक्षण को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।

भारत की जनगणना (Census of India) देश की आबादी, जनसांख्यिकी, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और संसाधनों के वितरण का एक व्यापक सर्वेक्षण है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर द्वारा संचालित की जाती है।

इससे पहले सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया था किया कि जनगणना 2027 में वर्तमान जगह पर लोगों के रहने की अवधि और प्रवास की वजह से संबंधित प्रश्न भी शामिल होंगे। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी।

नित्यानंद राय इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जनगणना-2027 के दौरान प्रवासी श्रमिकों और अस्थायी निवासियों की गणना के लिए कोई विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं और क्या इसके लिए एक अलग डेटा संग्रह प्रक्रिया प्रस्तावित है। मंत्री ने कहा कि प्रवासन के आंकड़े हर व्यक्ति के जन्म स्थान और अंतिम निवास स्थान के आधार पर एकत्र किए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘जनगणना में वर्तमान निवास पर रहने की अवधि और प्रवास के कारण के बारे में भी जानकारी एकत्र की जाती है।’

कैबिनेट का अन्य फैसला – कोयला सेक्टर में बड़ा रिफॉर्म

अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के दो अन्य फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश के कोयला सेक्टर में बड़ा रिफॉर्म किया गया है – Coal Setu के माध्यम से। वहीं किसानों के कल्याण के लिए बड़ा कदम उठाया गया है।

भारत कोयले के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा

वैष्णव ने बताया, ‘भारत कोयले के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है। 2024-2025 में भारत ने ऐतिहासिक रूप से एक अरब टन से ज्यादा कोयले का उत्पादन किया है। पहले कोयले के इंपोर्ट पर हमारी जो निर्भरता थी, अब वो करीब-करीब बहुत कम हो गई है। कोयले के आयात पर निर्भरता कम होने से हमने 60 हजार करोड़ रुपये बचाए हैं।’

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