यूपी : लखनऊ में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या के खिलाफ महापौर सुषमा खर्कवाल सख्त, सख्त काररवाई के दिए निर्देश
लखनऊ, 4 दिसम्बर। लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल राजधानी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के खिलाफ सख्त हो उठी हैं और उनके खिलाफ तत्काल सख्त काररवाई के निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल, लगातार मिल रही शिकायतों के बाद महापौर खर्कवाल गुरुवार को स्वयं नगर निगम और ईटीएफ की टीम के साथ गुडंबा थाना क्षेत्र के निकट शंकरपुरवा प्रथम वार्ड के बहादुरपुर जा पहुंचीं, जहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से बांग्लादेशी और रोहिंग्या झुग्गी–झोपड़ियां डालकर रह रहे हैं।
काफिला देख कई युवक मौके से हुए फरार, पहचान पत्र मांगने पर चुप्पी
महापौर का काफिला जैसे ही क्षेत्र में पहुंचा, वहां रहने वाले कई बांग्लादेशी एवं रोहिंग्या युवक मौके से भागते नजर आए, जबकि कई महिलाएं अपनी झोपड़ियों में छिपने लगीं। महापौर द्वारा टीम के माध्यम से सभी से आधार कार्ड, एनआरसी प्रमाण पत्र और अन्य वैध दस्तावेज मांगे गए, लेकिन अधिकतर बांग्लादेशी और रोहिंग्या कोई भी पहचान पत्र नहीं दिखा सके। इस पर महापौर ने कड़ा रुख अपनाते हुए तत्काल काररवाई के आदेश दिए।
मौके से 50 अवैध ठेलिया जब्त
महापौर सुषमा खर्कवाल की मौजूदगी में इस काररवाई के दौरान अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, जोनल सेनेटरी अधिकारी अजीत राय, नगर निगम की टीम तथा ईटीएफ के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। जांच के दौरान वहां खड़ी अवैध 50 ठेलिया को मौके पर ही जब्त कर लिया गया। महापौर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन सभी वाहनों को तत्काल कब्जे में लेकर नियमानुसार काररवाई की जाए।
इसके साथ ही दो टाटा मैजिक वाहनों को, जिनका उपयोग अवैध रूप से कूड़ा ढोने में किया जा रहा था, तुरंत जब्त किया गया। महापौर ने अधिकारियों को आदेश दिया कि इन वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाए और इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए नियमित निगरानी रखी जाए।
अवैध बिजली कनेक्शन काटने का निर्देश
महापौर ने मौके पर ही बिजली विभाग के एसडीओ को भी बुलाया और क्षेत्र में लगे सभी अवैध बिजली कनेक्शनों को तत्काल काटने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बिना किसी वैध अनुमति के बिजली का उपयोग गंभीर अपराध है और यह सुरक्षा के लिए भी खतरा है।

15 दिनों में वैध दस्तावेज दिखाएं अन्यथा खाली करें लखनऊ
सुषमा खर्कवाल ने वहां मौजूद अवैध बांग्लादेशियों एवं रोहिंग्या से सख्त लहजे में कहा कि उन्हें केवल 15 दिन का समय दिया जा रहा है। इस अवधि में यदि वे वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते तो उन्हें क्षेत्र पूरी तरह खाली करना होगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ शहर में बिना पहचान और बिना अनुमति किसी भी विदेशी को रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
महापौर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि आने वाले 15 दिनों तक क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जाए और समय-समय पर जांच अभियान चलाया जाए ताकि अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या दोबारा यहां बसने न पाएं। स्थानीय लोगों ने महापौर की इस पहल का स्वागत किया।
