1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. दिवाली के दूसरे दिन भी दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर, आसमान में धुंध, जानें कहां कितना एक्यूआई
दिवाली के दूसरे दिन भी दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर, आसमान में धुंध, जानें कहां कितना एक्यूआई

दिवाली के दूसरे दिन भी दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर, आसमान में धुंध, जानें कहां कितना एक्यूआई

0
Social Share

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। दिवाली के दूसरे दिन यानी आज बुधवार को भी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बरकरार है। हवा दमघोंटू बनी हुई है। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आंकड़े जारी किए हैं। दिल्ली का औसत एक्यूआई 345-380 के बीच है। वहीं दूसरी तरफ ग्रेप-2 पूरी तरह से लागू है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के आरके पुरम क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 380 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी के अंतर्गत आता है। दिवाली के बाद, पटाखों के धुएं और अन्य मौसमी कारकों के कारण धुंध और स्मॉग की स्थिति और गंभीर हो गई है। यह स्थिति न केवल दिल्ली बल्कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में चिंता का विषय बनी हुई है।

दिल्ली के आईटीओ पर बुधवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 361 दर्ज किया गया। वहीं अक्षरधाम के आसपास एक्यूआई 360 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में है। वहीं इंडिया गेट के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक 362 दर्ज किया गया। दिल्ली में दीपावली के दूसरे दिन लोग कर्तव्यपथ पर मॉर्निंग वॉक पर निकले। जहां एक स्थानीय निवासी शैलेंद्र रे ने साइकिलिंग के दौरान कहा कि दिवाली के बाद आमतौर पर हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। दृश्यता कम होती है। लेकिन कुल मिलाकर स्थिति हर साल जैसी ही है। अभी सांस लेने में कोई समस्या नहीं है। चूंकि हम सुबह जल्दी निकलते हैं,  इसलिए उस समय दृश्यता कम होती है।

एनसीआर में गाजियाबाद सबसे खराब

एनसीआर में वायु प्रदूषण का गंभीर संकट लगातार बना हुआ है, जिसमें उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में से एक के रूप में सामने आया है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 324 दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इसी श्रेणी में नोएडा (320) और हापुड़ (314) भी शामिल हैं। हरियाणा के नारनौल में एक्यूआई 390, रोहतक में 376, गुरुग्राम में 370 और बहादुरगढ़ में 368 तक पहुंच गया है, जो गंभीर स्थिति का संकेत है। राजस्थान के भिवाड़ी में 364 और गुजरात के नंदेसरी में 303 एक्यूआई दर्ज किया गया है।

ग्रेप-2 का कार्यान्वयन और वायु प्रदूषण पर नियंत्रण

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए, दिल्ली में ग्रेप-2 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के दूसरे चरण को लागू कर दिया गया है। इस चरण के तहत वायु प्रदूषण में वृद्धि करने वाली गतिविधियों पर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें धूल पैदा करने वाली निर्माण और विध्वंस गतिविधियों को नियंत्रित करना शामिल है। साथ ही, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है, यदि बिजली की आपूर्ति बाधित होती है। ग्रेप-2 का उद्देश्य वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर से प्रभावी ढंग से निपटना है।

प्रदूषण से राहत की उम्मीद कम

मौसम विभाग के अनुमानों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर को आने वाले दिनों में भी प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद कम है। वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी के बीच ही बने रहने की संभावना है। यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र हर सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करते हैं। वाहनों का धुआं, खेतों में पराली जलाना और धूल इसके प्रमुख कारण हैं, जिससे दो करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होते हैं।पिछले सप्ताह, सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध में कुछ ढील देते हुए दिवाली के अवसर पर हरित पटाखे चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन यह कदम वायु प्रदूषण की समग्र समस्या को हल करने में पर्याप्त नहीं है।

जानें एक्यूआई रीडिंग के मानक

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, ताकि आम जनता को वायु प्रदूषण के स्तर को समझने में मदद मिल सके।

अच्छा: 0-50

संतोषजनक: 51-100

मध्यम प्रदूषित: 101-200

खराब: 201-300

बहुत खराब: 301-400

गंभीर: 401-500

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code