घरेलू शेयर बाजार में पिछले 7 माह की सबसे बड़ी गिरावट, सेंसेक्स 733 अंक टूटा, निफ्टी 24650 के करीब
मुंबई, 26 सितम्बर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से H-1B वीजा शुल्क बढ़ोतरी के बाद छोड़े गए एक और टैरिफ बम एवं कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच निवेशकों की नकारात्मक धारणा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसका परिणाम यह है कि घरेलू शेयर बाजार ने पिछले सात माह की सबसे बड़ी गिरावट देखी और लगातार छठे दिन दोनों बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए।
फार्मा एवं आईटी शेयरों में भारी बिकवाली के बीच कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स जहां 733 अंकों के बिखराव से 81,000 के नीचे जा खिसका वहीं एनएसई निफ्टी भी 236 अंकों की कमजोरी से 24,650 के करीब जा ठिठका।
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही टैरिफ को लेकर ट्रंप की नई घोषणा। दरअसल, गुरुवार को ट्रंप ने ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं पर आगामी एक अक्टूबर से 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया। इसके अलावा अमेरिकी टेक कम्पनी एक्सचेंचर के कमजोर नतीजों और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने भी निवेशकों के धारण को कमजोर किया।
सेंसेक्स 3 हफ्ते के निचले स्तर 80,426.46 अंक पर बंद
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 733.22 अंक यानी 0.90 प्रतिशत टूटकर तीन सप्ताह के निचले स्तर 80,426.46 अंक पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह एक समय 827.27 अंक गिरकर 80,332.41 पर आ गया था।
6 कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 2,587.50 अंक यानी 3.16% लुढ़का
घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का यह लगातार छठा कारोबारी सत्र रहा। इस दौरान सेंसेक्स में कुल 2,587.50 अंक यानी 3.16 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। सेंसेक्स से संबद्ध कम्पनियों में 26 के शेयर लाल निशान पर बंद हुए और सिर्फ चार में बढ़ोतरी देखने को मिली।
निफ्टी में 236.15 अंकों की कमजोरी
उधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का 50 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक निफ्टी भी 236.15 अंक यानी 0.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ तीन सप्ताह के निचले स्तर 24,654.70 अंक पर आ गया। निफ्टी से संबद्ध कम्पनियों में छह के शेयर हरे निशान पर बंद हुए जबकि 44 में गिरावट रही। ब्रॉडर मार्केट में तो इससे भी अधिक गिरावट देखने को मिली। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स करीब दो फीसदी तक टूट गए।
निवेशकों के 6.60 लाख करोड़ रुपये डूबे
बीएसई में लिस्टेड कम्पनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज घटकर 450.75 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जो पिछले कारोबारी दिन यानी गुरुवार को 457.35 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार BSE में लिस्टेड कम्पनियों का मार्केट कैप एक ही सत्र में करीब 6.60 लाख करोड़ रुपये घटा है। दूसरे शब्दों में कहें तो निवेशकों की संपत्ति में करीब 6.60 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के स्टॉक में सर्वाधिक 3.70 फीसदी फिसलन
सेंसेक्स में शामिल शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा का शेयर 3.70 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स रहा जबकि इटरनल, टाटा स्टील, , बजाज फाइनेंस और सन फार्मा के शेयरों में 3.39 फीसदी से लेकर 2.55 फीसदी के बीच गिरावट रही। वहीं लार्सन एंड टुब्रो के शेयरों में 2.34 फीसदी की सबसे अधिक तेजी रही। इसके अलावा टाटा मोटर्स, आईटीसी, आयशर मोटर्स व रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1.29 से लेकर 0.38 फीसदी के बीच बढ़त के साथ बंद हुए।
एक अक्टूबर से दवाओं पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद अधिकतर दवा कम्पनियों के शेयरों में गिरावट आई और बीएसई हेल्थकेयर सूचकांक 2.14 प्रतिशत नीचे आ गया। वॉकहार्ट के शेयरों में 9.4 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखने को मिली।
सेक्टोरल इंडेक्स : निफ्टी आईटी को सबसे ज्यादा 2.45% नुकसान
सेक्टोरल इंडेक्स देखें तो चौतरफा गिरावट के बीच आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा 2.45 प्रतिशत तक लुढ़क गया। इसके बाद निफ्टी इंडिया डिफेंस में 2.27 प्रतिशत, निफ्टी फार्मा में 2.14 प्रतिशत, निफ्टी मेटल में 1.93 प्रतिशत व निफ्टी पीएसयू बैंक में 1.78 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
एफआईआई ने 4,995.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 4,995.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.27 प्रतिशत गिरकर 69.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
