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राजनाथ सिंह ने मुंबई से ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ अभियान का किया शुभारंभ, दुनिया की पहली त्रि-सेवा महिला नौकायन परिक्रमा

राजनाथ सिंह ने मुंबई से ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ अभियान का किया शुभारंभ, दुनिया की पहली त्रि-सेवा महिला नौकायन परिक्रमा

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मुंबई, 11 सितम्बर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से ‘समुद्र प्रदक्षिणा’ अभियान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रवाना किया। यह दुनिया की पहली ऐसी नौकायन परिक्रमा है, जिसमें थलसेना, नौसेना और वायुसेना की केवल महिला अधिकारी शामिल हैं।

थलसेना, नौसेना व वायुसेना की 10 महिला अधिकारी शामिल

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह अभियान नारी शक्ति, तीनों सेनाओं की एकता, आत्मनिर्भर भारत और भारत की वैश्विक सोच का प्रतीक है। उन्होंने इसे सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि अनुशासन और इच्छाशक्ति की आध्यात्मिक साधना बताया।

यह दल 9 माह के अभियान में 26,000 नॉटिकल मील का दूरी तय करेगा

यह अभियान नौ महीने का होगा, जिसमें 10 महिला अधिकारी भारतीय सेना द्वारा निर्मित 50 फीट लंबे इंडियन आर्मी सेलिंग वेसल (IASV) त्रिवेणी पर करीब 26,000 नॉटिकल मील की दूरी तय करेंगी। यह दल पूर्वी मार्ग से निकलेगा और भूमध्य रेखा को दो बार पार करेगा। वहीं दुनिया के तीन बड़े केप लीउविन, हॉर्न और गुड होप से गुजरेगा। साथ ही दक्षिणी महासागर तथा ड्रेक पैसेज जैसी कठिन जलधाराओं को पार करेगा। इस दौरान टीम चार अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों फ्रेमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटिलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टैनली (कनाडा) और केपटाउन (दक्षिण अफ्रीका) पर भी रुकेगी। अभियान मई, 2026 में मुंबई लौटेगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि IASV त्रिवेणी आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है और यह भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक और नवाचार पर भरोसा दिखाता है। उन्होंने कहा कि हर एक नॉटिकल मील देश की रणनीतिक स्वायत्तता और आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम है। साथ ही उन्होंने कहा कि दल की अंतरराष्ट्रीय बातचीत भारत की संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को भी दुनिया के सामने रखेगी।

लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुदकर कर रहीं दल का नेतृत्व

इस 10 सदस्यीय दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुदकर कर रही हैं और स्क्वाड्रन लीडर श्रद्धा पी राजू मुख्य सहयोगी भूमिका में हैं। अन्य सदस्य- मेजर करमजीत कौर, मेजर ओमिता दलवी, कैप्टन प्राजक्ता पी निकम, कैप्टन दौली बुटोला, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रियांका गुसांई, विंग कमांडर विभा सिंह, स्क्वाड्रन लीडर अरुवि जयराम और स्क्वाड्रन लीडर वैशाली भंडारी भी शामिल हैं।

दल ने पिछले तीन वर्षों में कड़े प्रशिक्षण पूरे किए हैं, जिसमें कई ऑफशोर अभियानों और इस वर्ष मुंबई से सेशेल्स तक की अंतरराष्ट्रीय यात्रा शामिल है, जिसने उनके इस वैश्विक अभियान के लिए तैयारियों को साबित किया। यह परिक्रमा वर्ल्ड सेलिंग स्पीड रिकॉर्ड काउंसिल (WSSRC) के नियमों के अनुसार होगी, जिसमें केवल पाल (सेलिंग) की मदद से 21,600 नॉटिकल मील से अधिक की यात्रा करनी होगी और नहर शॉर्टकट या इंजन का सहारा नहीं लिया जाएगा। यह दल राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान के साथ मिलकर वैज्ञानिक शोध भी करेगा। इसमें समुद्र में माइक्रोप्लास्टिक का अध्ययन, समुद्री जीवन का दस्तावेजीकरण और समुद्री स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता शामिल होगी।

राजनाथ सिंह ने भारतीय नाविकों की उपलब्धियों को याद किया, जैसे कैप्टन दिलीप डोंडे (पहली सोलो परिक्रमा, 2009-10), कमांडर अभिलाष टॉमी (पहली सोलो नॉन-स्टॉप परिक्रमा, 2012-13) और आईएनएसवी तारिणी पर महिलाओं की नविका सागर परिक्रमा। उन्होंने विश्वास जताया कि IASV त्रिवेणी एक नया वैश्विक मानक स्थापित करेगी और भारत की समुद्री यात्रा में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगी।

इस वर्चुअल फ्लैग-ऑफ समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख तथा वेस्टर्न नेवल कमांड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। राजनाथ सिंह ने अंत में कहा-“अभियान के दौरान हमारी अधिकारी अनेक चुनौतियों का सामना करेंगी, लेकिन उनका संकल्प अंधकार को चीरकर निकलेगा। वे सुरक्षित लौटेंगी और दुनिया को दिखाएंगी कि भारतीय महिलाओं का साहस असीमित है।”

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