टोरेंट फार्मा केकेआर से जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स में नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल करेगी
मुंबई: टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (“टोरेंट”) और वैश्विक निवेश फर्म केकेआर ने आज संयुक्त रूप से घोषणा की है की टोरेंट ने केकेआर से जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स (“जेबी फार्मा”) में इक्विटी वैल्यूएशन (पूरी तरह से डायल्युटेड आधार पर) पर नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 25,689 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इसके परिणामस्वरूप दोनों कंपनियों का विलय होगा। यह समझौता टोरेंट की भविष्य के लिए तैयार, विविधतापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्लेटफ़ॉर्म बनाने की महत्वाकांक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गहरी क्रॉनिक सेगमेंट विरासत को उभरती हुई अंतर्राष्ट्रीय सीडीएमओ क्षमताओं के साथ जोड़ता है।
यह समझौता दो चरणों में पूरा होगा:
१. शेयर खरीद समझौते (“एसपीए”) के माध्यम से ११,९१७ करोड़ रुपये (१,६०० रुपये प्रति शेयर) की लागत से ४६.३९% इक्विटी हिस्सेदारी (पूरी तरह से डायल्युटेड आधार पर) हासिल की जाएगी, इसके बाद सार्वजनिक शेयरधारकों से १,६३९.१८ रुपये प्रति शेयर की कीमत पर खुल्ले बाज़ार से जे.बी. फार्मा के २६% शेयर खरीदने के लिए अनिवार्य ओपन ऑफर होगा। इसके अलावा, टोरेंट केकेआर के समान कीमत पर जेबी फार्मा के कुछ कर्मचारियों से २.८०% इक्विटी शेयर खरीदने की आकंक्षा रखती है।
२. योजना के तहत, टोरेंट और जेबी फार्मा का विलय होगा। दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार, जेबी फार्मा के टोरेंट के साथ विलय के बाद, जेबी फार्मा में १०० शेयर रखने वाले प्रत्येक शेयरधारक को टोरेंट के ५१ शेयर मिलेंगे।

समझौते पर जानकारी देते हुए, टोरेंट के कार्यकारी अध्यक्ष, श्री समीर मेहता ने कहा कि, “हमें जेबी फार्मा की गौरवशाली विरासत के भाग बनने और भविष्य के लिए एक मंच तैयार करने की खुशी है। भारत में टोरेंट की व्यापक उपस्थिति और जेबी फार्मा का तेजी से बढ़ते व्यवसाय के साथ सीडीएमओ और अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति मिलकर राजस्व और लाभप्रदता दोनों को बढ़ाने की अपार संभावनाएं प्रदान करता है। यह रणनीतिक साझेदारी भारतीय फार्मा बाजार में हमारी उपस्थिति को और मजबूत करने और एक विविध और व्यापक वैश्विक उपस्थिति बनाने के हमारे लक्ष्य को आगे बढ़ाती है। इसके अलावा, सीडीएमओ प्लेटफॉर्म टोरेंट के लिए एक नया दीर्घकालिक विकास पथ प्रदान करता है।”
केकेआर के एशिया प्रशांत क्षेत्र के सह-प्रमुख और एशिया प्रशांत क्षेत्र के निजी इक्विटी प्रमुख तथा केकेआर इंडिया के सीईओ श्री गौरव त्रेहन ने कहा कि, “हमारे नेतृत्व में जेबी फार्मा का परिवर्तन केकेआर की उच्च गुणवत्ता वाली कंपनियों को विकसित करने की क्षमता का प्रमाण है। हमें श्री निखिल चोपड़ा के नेतृत्व में जेबी फार्मा प्रबंधन टीम के साथ सहयोग करने पर गर्व है। कंपनी के आर्गेनिक और इनऑर्गेनिक विकास का समर्थन करने और जेबी फार्मा को भारत की सबसे तेजी से बढ़ती ब्रांडेड दवा कंपनियों में से एक बनाने में मदद करने के लिए केकेआर के वैश्विक अनुभव और परिचालन विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा रहा है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि कंपनी अपने मजबूत विकास प्रक्षेपवक्र को जारी रखने के लिए अच्छी स्थिति में है और हम टीम को टोरेंट के साथ कंपनी की भविष्य की यात्रा में हर सफलता की कामना करते हैं।”
जेबी फार्मा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक निखिल चोपड़ा ने कहा कि, “केकेआर के रणनीतिक मार्गदर्शन, हमारे स्वतंत्र निदेशकों के प्रबंधन और हमारी प्रबंधन टीम की केंद्रित रणनीति और निष्पादन उत्कृष्टता द्वारा संचालित, जेबी फार्मा पिछले पांच वर्षों में भारत की सबसे तेजी से बढ़ती दवा कंपनियों में से एक के रूप में उभरी है। हमने बाजार में विकास प्रदान करने के लिए एक मजबूत आधार बनाया है। हमने मध्यम और लंबी अवधि में अपनी लाभप्रदता में लगातार सुधार करने के लिए एक ठोस आधार भी तैयार किया है। जैसा अब हम टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स के साथ एक नए अध्याय में प्रवेश कर रहे हैं, हमें विश्वास है कि हमारी कंपनियों की संयुक्त ताकत हमारे बाजारों में स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच का विस्तार करने के लिए और अधिक अवसर खोलेगी।”
अधिग्रहण के लिए रणनीतिक तर्क:
- अधिग्रहण से भारत में तेजी से बढ़ती फ्रैंचाइज़ तक पहुँच मिलेगी, जिसमें क्रॉनिक सेगमेंट में अग्रणी ब्रांड शामिल हैं और नेत्र विज्ञान जैसे अप्रयुक्त चिकित्सीय क्षेत्रों में प्रवेश की सुविधा होगी।
- टोरेंट के लिए आईपीएम बाजार हिस्सेदारी मजबूत होगी।
- कई व्यावसायिक कार्यों में परिचालन तालमेल होगा।
- प्लेटफ़ॉर्म विविधीकरण: दीर्घकालिक क्षमता के साथ सीडीएमओ सेगमेंट में प्रवेश होगा।
- प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एकीकरण और विस्तार करने की अधिक क्षमता प्राप्त होगी।
लेन-देन की संरचना और अनुमोदन:
- टोरेंट एस.पी.ए. के माध्यम से ४६.३९% हिस्सेदारी (पूरी तरह से डायल्युटेड आधार पर) हासिल करेगा और उसके पास २.८०% तक अतिरिक्त हिस्सेदारी हासिल करने का विकल्प है। जीसे मिलाकर, कुल हिस्सेदारी ४९.१९% होगी, जो सेबी (एस.ए.एस.टी.) रेग्युलेशन के विनियमन ३ और ४ के अनुसार २६.०% की अनिवार्य खुली पेशकश को ट्रिगर करेगी और उसके बाद एक योजना के माध्यम से विलय होगा।
- एस.पी.ए. और योजना दोनों भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), स्टॉक एक्सचेंज, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई), राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और अन्य लागू अनुमोदन के अधीन होंगे।
सलाहकार:
इस समझौते में मोएलिस एंड कंपनी तथा नोवावन ने टोरेंट के वित्तीय सलाहकार के रूप में काम किया। खेतान एंड कंपनी ने टोरेंट के कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया। अर्न्स्ट एंड यंग मर्चेंट बैंकिंग सर्विसेज एलएलपी ने टोरेंट के लिए स्वतंत्र पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता के रूप में काम किया और बीडीओ वैल्यूएशन एडवाइजरी एलएलपी ने जेबी फार्मा के वित्तीय सलाहकार के रूप में काम किया। कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग तथा रोथ्सचाइल्ड एंड कंपनी ने केकेआर के वित्तीय सलाहकार के रूप में काम किया। शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी ने केकेआर तथा जेबी फार्मा के कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया। गोल्डमैन शेक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड ने जेबी फार्मा के वित्तीय सलाहकार के रूप में काम किया। एजेडबी एंड पार्टनर्स ने जेबी फार्मा के निदेशक मंडल के कानूनी सलाहकार के रूप में काम किया।
