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तुर्की ने ड्रीमलाइनर मेंटेनेंस के दावों को किया खारिज, एअर इंडिया विमान हादसे से जुड़ रहा था नाम

तुर्की ने ड्रीमलाइनर मेंटेनेंस के दावों को किया खारिज, एअर इंडिया विमान हादसे से जुड़ रहा था नाम

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नई दिल्ली, 15 जून। तुर्की ने बीते 12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया विमान हादसे से किसी भी तरह के जुड़ाव से इनकार किया है। हादसे का शिकार एअर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के मेंटेनेंस को लेकर तुर्की की कम्पनी का नाम जुड़ रहा था, लेकिन अब तुर्की ने इन दावों को खंडन किया है। कम्युनिकेशन डायरेक्टरेट के सेंटर फॉर काउंटरिंग डिसइन्फॉर्मेशन ने एक बयान में साफ किया कि टर्किश टेक्निक की ओर से विमान की सर्विसिंग करने का दावा करने वाली मीडिया में जारी खबरें झूठी हैं।

रिश्ते प्रभावित करने की कोशिश

विभाग ने कहा, “यह दावा कि हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया के यात्री विमान ‘बोइंग 787-8 का रखरखाव टर्किश टेक्निक की तरफ से किया गया था’, पूरी तरह झूठा है। हादसे का शिकार हुए विमान का मेंटेनेंस टर्किश टेक्निक की ओर से किए जाने का झूठा दावा तुर्की-भारत संबंधों के बारे में जनता की राय को प्रभावित करने के मकसद से फैलाई गई गलत जानकारी का हिस्सा है।”

उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरकर लंदन जाने वाला यात्री विमान गुरुवार दोपहर कुछ ही मिनटों में हादसे का शिकार हो गया। जमीन पर गिरने से पहले यह विमान एयरपोर्ट से सटे मेघाणी नगर स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से भी टकराया था। इस हादसे में प्लेन में सवार यात्रियों के अलावा मेडिकल छात्रों व डॉक्टरों और कुछ राहगीरों की भी जान गई है। अब तक कुल 274 मौतों की पुष्टि की गई है।

ड्रीमलाइनर को लेकर कोई डील नहीं

विभाग ने कहा, ‘एअर इंडिया और टर्किश टेक्निक के बीच 2024 और 2025 में किए गए करार के तहत मेंटेनेंस सर्विस विशेष रूप से बी777-टाइप वाइड-बॉडी विमानों के लिए दी जाती है। दुर्घटना में शामिल बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर इस समझौते के दायरे में नहीं आता है. आज तक, टर्किश टेक्निक ने इस तरह के किसी भी एअर इंडिया विमान का रखरखाव नहीं किया है.’

बयान में यह भी कहा गया, ‘यदि हमें पता है कि किस कम्पनी ने दुर्घटनाग्रस्त विमान का हाल ही में रखरखाव किया था, फिर भी आगे की अटकलों से बचने के लिए इस मामले पर बयान देना ठीक नहीं है। हम गलत सूचनाओं को काउंटर करना जारी रखेंगे और यह सेंटर हमारे प्रमुख ब्रांड्स की प्रतिष्ठा को निशाना बनाने वाली कोशिश के खिलाफ निगरानी और जरूरी कदम उठाना जारी रखेगा, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर तुर्की का प्रतिनिधित्व करते हैं।’

तुर्की के साथ रिश्ते हुए खराब

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से तुर्की के साथ संबंधों में कड़वाहट आई है। तुर्की ने खुले तौर पाकिस्तान का समर्थन किया था। यहां तक कि भारत के खिलाफ इस्तेमाल किए गए पाकिस्तानी हथियारों में ज्यादातर तुर्की में निर्मित थे। इसके बाद भारत में तुर्की में तैयार हुए सामानों का बायकॉट शुरू हो गया और सरकार ने भी कुछ कम्पनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। ऐसे में तुर्की को अपने पाकिस्तान प्रेम की कीमत चुकानी पड़ रही है और उसकी कम्पनियों को काफी नुकसान हो रहा है।

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