बारामती (पुणे), 27 अप्रैल। राषट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमला जाति या धर्म पर आघात नहीं बल्कि भारत पर आघात है और इस मसले पर उनकी पार्टी केंद्र सरकार के साथ खड़ी है।
पुणे के पुरंदर तालुका के सासवड़ में वरिष्ठ समाजवादी नेता रावसाहेब पवार के 81वें अभिष्टचिंतन समारोह को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा, ‘जब देश में संकट होता है तो हम राजनीति को किनारे रखकर सरकार के साथ होते हैं। हम चुनाव में बाकी राजनीति कर लेंगे। लेकिन, जब देश में संकट होता है तो हम सब एक साथ होते हैं।’
‘देशवासियों पर ऐसा हमला होता है तो हमारे बीच मतभेद नहीं होते’
सीनियर पवार ने कहा, ‘पिछले दो दिनों से हम पहलगाम हमले की खबरें देख रहे हैं। वहां निर्दोष लोग मारे गए। जो हुआ, वह देश के लिए बड़ा सदमा था। यह भारत पर हमला था। राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब देशवासियों पर ऐसा हमला होता है तो मतभेद नहीं होते। लोगों ने हमसे पूछा कि हमें क्या रुख अपनाना चाहिए? देश में हुए इस हमले को देखते हुए हम इन बातों पर विचार कर सकते हैं। देखते हैं, बाद में कोई गलती हुई या नहीं। आज हम सब एकजुट हो जाएं।’
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने कहा, ‘पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार ने सभी दलों की बैठक बुलाई थी। उस बैठक में एनसीपी (एसपी) की सुप्रिया सुले उपस्थित थीं। उस बैठक में चर्चा हुई थी। जो लोग नेतृत्व कर रहे हैं। उनमें एक रक्षा मंत्री और एक गृह मंत्री होंगे, उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं कमी रह गई। मैं सहमत हूं, इसलिए आज उस कमी के बारे में कोई चर्चा नहीं हो रही है। हमें देखना होगा कि आज जिन लोगों पर हमला हुआ, उनके जीवन में विश्वास का माहौल कैसे बनाया जाएगा।’
एक समय कश्मीर में बहुत खराब स्थिति थी
शरद पवार ने कहा, ‘एक समय कश्मीर में बहुत खराब स्थिति थी। बच्चों के स्कूल बंद थे। उस समय उमर अब्दुल्ला पढ़ाई कर रहे थे। एक दिन फारूक अब्दुल्ला ने मुझे फोन किया और कहा, मेरे बच्चों की शिक्षा के बारे में मेरा एक सवाल है। उस समय उमर ने मेरे घर पर रहकर अपनी शिक्षा पूरी की। लोगों को नहीं पता कि उन्होंने (उमर अब्दुल्ला) और सुप्रिया ने मुंबई में मेरे घर पर ही अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसलिए उनके और मेरे पारिवारिक संबंध हैं।’
कश्मीर का बहुसंख्यक भारत के साथ
उन्होंने कहा, ‘उमर ने, जो आज कश्मीर के मुख्यमंत्री हैं, कहा कि कश्मीर और कश्मीर का हर व्यक्ति भारत के पक्ष में खड़ा है। यहां अब ऐसे लोग हैं, जो मानते हैं कि भारत के संबंध में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कुछ लोग गलत काम करते हैं। कुछ लोग आतंकवाद का समर्थन करते हैं। कुछ लोग पड़ोसी देशों से फैलाई जा रही गलत शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहते हैं। लेकिन कश्मीर का बहुसंख्यक समाज इसे स्वीकार नहीं करता। वह भारत के साथ रहना चाहता है। हमें सभी जातियों और धर्मों की सामूहिक ताकत की जरूरत है। वहां के मुख्यमंत्री इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। कश्मीर के लोग मिलनसार हैं। यह हमारे लिए एक प्लस है। कुछ लोग गलत मानसिकता के साथ ऐसा करते हैं।’
कुछ भी हो जाए, देश की एकता और अखंडता से कोई समझौता नहीं होगा
शरद पवार ने कहा, ‘कुछ लोग इसे धर्म का रंग देते हैं। यह देश के हितों के लिए हानिकारक है। महाराष्ट्र को ही देखें तो इस राष्ट्रीय एकता और प्रगतिशील सोच को समर्थन देने का काम समाजवादी आंदोलन ने किया। हम इस आंदोलन में काम करने वाले एक व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं। आइए, हम इस विचार को अपने साथ लेकर चलें। चाहे कुछ भी हो जाए, देश की एकता और अखंडता से कोई समझौता नहीं होगा। मैं इसमें राजनीति नहीं लाऊंगा। जब चुनाव आएगा तो हम इस बारे में देखेंगे। लेकिन हमें सावधान रहना चाहिए कि देश की एकता को कमजोर न होने दिया जाए। भारत एक संघ है। यदि यहां कोई जाति-आधारित और धार्मिक विचारधारा को बढ़ावा दे रहा है तो हम उसके साथ नहीं हैं।’
