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वक्फ कानून विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब के लिए 7 दिनों का समय दिया, तब तक यथास्थिति कायम रहेगी

वक्फ कानून विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब के लिए 7 दिनों का समय दिया, तब तक यथास्थिति कायम रहेगी

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नई दिल्ली, 17 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी सुनवाई की। प्रधान न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की तीन सदस्यीय पीठ से केंद्र की मांग पर उसे जवाब दाखिल करने के लिए सात दिनों का समय दिया। सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई तक ‘उपयोगकर्ता की ओर से वक्फ’ या ‘दस्तावेजों की ओर से वक्फ’ संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा।

अब 5 मई को होगी सुनवाई

सीजेआई जस्टिस खन्ना ने कहा कि यदि किसी वक्फ संपत्ति का पंजीकरण 1995 के अधिनियम के तहत हुआ है तो उन संपत्तियों को पांच मई को अगली सुनवाई तक गैर-अधिसूचित नहीं किया जा सकता। इसके बाद कोर्ट ने मामले की अगली तारीख पांच मई तय की।

तुषार मेहता बोले – कानून पर रोक लगाना एक कठोर कदम होगा

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है। सरकार को लाखों-लाखों प्रतिनिधि मिले, गांव-गांव वक्फ में शामिल किए गए। इतनी सारी जमीनों पर वक्फ का दावा किया जाता है। इसे कानून का हिस्सा माना जाता है।

अंतरिम रोक की राय पर मेहता ने कहा कि कानून पर रोक लगाना एक कठोर कदम होगा। उन्होंने अदालत के सामने कुछ दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और आश्वासन दिया कि इस दौरान बोर्ड या काउंसिल की कोई नियुक्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिस पर इस तरह से विचार किया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसने कहा था कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं और इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती। वह नहीं चाहता कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव हो। कोर्ट ने कहा, ‘जब मामला कोर्ट में लंबित है तो हमे यह सुनिश्चित करना होगा कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव न हो।’

सरकार को सात दिनों का वक्त

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल के इस बयान को रिकॉर्ड में लिया कि केंद्र सात दिनों के भीतर जवाब देगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि परिषद और बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई की तारीख तक वक्फ को, जिसमें पहले से पंजीकृत या अधिसूचना के माध्यम से घोषित वक्फ-बाय-यूजर शामिल है, न तो डीनोटिफाई किया जाएगा और न ही कलेक्टर इसे लेकर कोई फैसला लेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करे। तब तक यथास्थिति बनी रहेगी।

केवल पांच याचिकाओं पर सुनवाई

दूसरी ओर पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर कई याचिकाओं पर विचार करना असंभव है। पीठ ने स्पष्ट किया कि वह केवल पांच याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जबकि वकीलों से कहा कि वे आपस में तय करें कि कौन बहस करेगा।

इसके पूर्व बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कानून के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों पर अंतरिम आदेश के जरिए रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था। शीर्ष कोर्ट ने अदालतों की ओर से वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर अधिसूचित करने, वक्फ में पदेन सदस्यों को छोड़कर अन्य गैर मुस्लिम सदस्य को शामिल करने और कलेक्टरों की जांच के दौरान संपत्ति को गैर वक्फ किए जाने के प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था।

अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। हालांकि, कानून के लागू होने पर तत्काल रोक नहीं लगाई गई थी। शीर्ष कोर्ट ने इस मुद्दे पर हो रही हिंसा पर चिंता जताई थी। वहीं, केंद्र सरकार ने प्रावधानों पर रोक के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा था कि शीर्ष कोर्ट को कोई भी निर्देश जारी करने से पहले मामले मे सुनवाई करनी चाहिए।

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