तेलंगाना : SLBC सुरंग में फंसे 8 लोगों को बचाने की जद्दोजहद जारी, 13 किमी अंदर तक पहुंचे बचावकर्मी
हैदराबाद, 23 फरवरी। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में शनिवार को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर (SLBC) सुरंग परियोजना के निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढह जाने से दो इंजीनियर सहित जो आठ व्यक्ति अंदर फंस गए हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद जारी है और बचावकर्ता सुरंग के काफी अंदर पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर नागरकुरनूल जिले में घटनास्थल पर पहुंची टीम ने फंसे हुए लोगों के नाम पुकारे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। बचावकर्मी सुरंग के अंदर 13 किलोमीटर तक पहुंच गए हैं। राज्य के मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी और जे कृष्ण राव भी बचाव कार्य की निगरानी के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
बचावकर्मियों को लोहे, कीचड़ और सीमेंट के ब्लॉक से भरा मलबा हटाना होगा
सूत्रों ने कहा कि बचावकर्मियों को लोहे, कीचड़ और सीमेंट के ब्लॉक से भरा मलबा हटाना होगा। बचाव दल 13 किलोमीटर तक पहुंचने में सफल रहा। वे उस स्थान पर स्थिति का आकलन कर रहे हैं, जहां शनिवार को आखिरी बार सुरंग खोदने वाली मशीन रखी गई थी।’ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘(बचाव) दल लगभग अंतिम बिंदु (मशीन तक) पहुंच चुका है। हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं।’
#Telangana: Rescue Operations Underway for 8 Workers Trapped in SLBC Tunnel Collapse
To rescue eight trapped workers, NDRF teams have entered the collapsed Srisailam Left Bank Canal (SLBC) tunnel in Nagarkurnool, Telangana. The operation is challenging due to knee-deep mud and… pic.twitter.com/x4AQmkvghb
— South First (@TheSouthfirst) February 23, 2025
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को फोन कर घटना की जानकारी ली और बचाव अभियान के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। सुरंग में जो आठ लोग फंसे हैं, उनमें से छह (दो इंजीनियर और चार मजदूर) ‘जयप्रकाश एसोसिएट्स’ के हैं और दो अमेरिकी कम्पनी के कर्मचारी हैं।
बताया जाता है कि हाल ही में निर्माण कार्य फिर से शुरू होने के बाद शनिवार सुबह पहली पाली में 50 लोग 200 मीटर लंबी ‘सुरंग बोरिंग मशीन’ लेकर सुरंग के अंदर गए थे। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘वे सुरंग के अंदर 13.5 किलोमीटर तक गए थे, तभी अचानक छत ढह गई। मशीन के आगे चल रहे दो इंजीनियरों समेत आठ सदस्य फंस गए, जबकि 42 अन्य सुरंग के बाहरी गेट की ओर भागे और बाहर आ गए।’
