ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत की दमदार मौजूदगी पर बोले जयशंकर – दोनों पक्षों के बीच रिश्तों को आगे बढ़ाने की मजबूत इच्छा
वॉशिंगटन, 23 जनवरी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत की दमदार मौजूदगी का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पहली पंक्ति में स्थान दिया गया था। यहां मीडिया कॉन्फ्रेंस में जयशंकर से जब इसके बाबत पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत को स्वाभाविक रूप से बहुत अच्छे तरीके से सम्मानित किया जाता है।’
Good visit to Washington DC reaffirming our strategic partnerships.
Highlights of my visit to USA 🎥 .
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— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 23, 2025
ट्रंप प्रशासन भारत को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल करने के लिए उत्सुक था
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया और डोनाल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र सौंपा। इस कदम को उन्होंने ट्रंप प्रशासन की भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने की तत्परता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, ‘एक बात तो साफ थी कि ट्रंप प्रशासन भारत को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल करने के लिए उत्सुक था। वे द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता दे रहे हैं।”
वॉशिंगटन की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान जयशंकर ने उच्चस्तरीय बैठकों में भाग लिया। इस क्रम में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता के अलावा उन्होंने नई ट्रंप प्रशासन के तहत पहले क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लिया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के उनके समकक्ष नेता भी शामिल थे।

जयशंकर ने कहा, ‘स्पष्ट रूप से दोनों पक्षों के बीच रिश्तों को आगे बढ़ाने की एक मजबूत इच्छा है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन वार्ता हुई थी। उन्होंने पिछले महीने NSA से शुरूआत की थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि रिश्ते किस दिशा में जा रहे हैं।’
दोनों ही देश दुनिया को अपने राष्ट्रीय हितों और विश्वास के साथ देख रहे
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि ट्रंप सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान स्थापित किए गए बुनियादी ढांचे पर काम करने के लिए दोनों देश तैयार हैं। वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच बहुत मजबूत विश्वास और हितों का उच्च स्तर पर मेल है। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार और ट्रंप प्रशासन दोनों ही दुनिया को अपने राष्ट्रीय हितों और विश्वास के साथ देख रहे हैं।’
आपसी विश्वास वास्तविक साझेदारी में बदलने की दोनों पक्षों को आवश्यकता
जयशंकर ने अमेरिकी वीजा प्रक्रिया में देरी के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘अंततः ये वीजा देरी व्यापार को प्रभावित करती हैं, पर्यटन पर असर डालती हैं और लोगों के बीच संपर्कों को सीमित करती हैं। दोनों पक्षों को अपने आपसी विश्वास को एक वास्तविक साझेदारी में बदलने की आवश्यकता है। हमें साहसी होना होगा, हमें बड़ा सोचना होगा, और हमें अधिक महत्वाकांक्षी होना होगा।’
