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ONOE पर JPC की पहली मीटिंग में NDA सांसद ने ही उठाए सवाल – ‘ये तो हमारे अधिकार पर कैंची है’

ONOE पर JPC की पहली मीटिंग में NDA सांसद ने ही उठाए सवाल – ‘ये तो हमारे अधिकार पर कैंची है’

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नई दिल्ली, 8 जनवरी। देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने यानी ‘एक देश-एक चुनाव’ (ONOE) का प्रावधान वाले दो विधेयकों पर विचार करने के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति (JPC) की बुधवार को पहली बैठक हुई। बैठक में कई सांसदों ने अलग-अलग तरह के सवाल संसदीय पैनल के सामने रखे।

केंद्र में सत्ताधारी भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के एक सहयोगी दल के एक सांसद ने सवाल उठाते हुए कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव की सीमा को सीमित करने से सांसदों के अधिकारों पर असर पड़ सकता है। कुछ सदस्यों ने इस बात पर भी चिंता जताई कि यदि कोई सरकार बीच में ही गिर जाती है और उसकी जगह कोई नई सरकार शेष अवधि के लिए बनती है तो उसका फोकस और ताकत उतना नहीं हो सकेगा। इसी दौरान दक्षिण भारत के एक अन्य सदस्य ने मांग की कि चुनावों में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली JPC में कुल 39 सदस्य

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति में कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाड्रा, जनता दल (यूनाइटेड) से संजय झा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, आम आदमी पार्टी (आप) से संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी समेत सभी प्रमुख दलों के सदस्य शामिल हुए।

सूत्रों ने बताया कि विधि एवं न्याय मंत्रालय के अधिकारियों ने बैठक के दौरान प्रस्तावित कानूनों के प्रावधानों पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के विचार का विधि आयोग सहित विभिन्न निकायों द्वारा समर्थन किए का हवाला दिया गया।

जेपीसी सदस्यों को उपलब्ध कराई गई 18000 पन्नों की रिपोर्ट

बैठक में समिति के सभी सदस्यों को 18000 पन्नों की रिपोर्ट एक सूटकेस में बंद कर उपलब्ध कराई गई है। बैठक से बाहर निकलते सभी सांसदों के हाथों में बड़ी से सूटकेस ट्रॉली और एक छोटा सा बैग देखा गया, जिसमें ये रिपोर्ट रखी हुई थी।

भाजपा सांसदों ने सराहा, विपक्षी सांसद बोले – लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन

बैठक के दौरान भाजपा सदस्यों ने ‘एक देश-एक चुनाव’ के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह देश के हित में है। दूसरी तरफ, कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि यह विचार संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है जबकि तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि यह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को नकारता है।

प्रियंका ने पूछा – कितने EVM लगेंगे और पैसे कितने खर्च होंगे?

सूत्रों के अनुसार बैठक में कांग्रेस महासचिव और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ईवीएम से लेकर चुनावी खर्चे तक जुड़े सवाल पूछे और ‘एक देश-एक चुनाव’ की जमीनी हकीकत पर सवाल खड़े किए। NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रियंका गांधी ने JPC से पूछा कि क्या लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराना आर्थिक रूप से व्यवहारिक होगा और यदि हां तो इस देशव्यापी महा-अभियान पर कितना खर्च होगा। कांग्रेस सांसद ने यह भी पूछा कि देशभर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए कितनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जरूरत पड़ेगी।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर विचार के लिए संसद की 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया गया है। समिति के 39 सदस्यों में भाजपा के 16, कांग्रेस के पांच, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो तथा शिवसेना, तेदेपा, जद(यू), रालोद, लोजपा (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना (उबाठा), राकांपा (एसपी), माकपा, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक-एक सदस्य शामिल हैं।

समिति में राजग के कुल 22 सदस्य हैं जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) के 10 सदस्य हैं। बीजद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ या विपक्षी गठबंधन के सदस्य नहीं हैं। समिति को बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इन विधेयकों को पिछले साल 17 दिसम्बर को लोकसभा में पेश किया गया था।

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