संजय मल्होत्रा ने RBI के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला, फरवरी 2025 में रेपो रेट में राहत देने की योजना
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर। राजस्थान कैडर के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजय मल्होत्रा ने बुधवार को यहां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाल लिया। अब तक देश के राजस्व सचिव रहे मल्होत्रा पूर्वाह्न केंद्रीय बैंक के मिंट स्ट्रीट स्थित मुख्यालय पहुंचे, जहां आरबीआई के वरिष्ठ कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया।
केंद्रीय बैंक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर मल्होत्रा के कार्यभार संभालने की जानकारी दी और कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। मल्होत्रा के कार्यभार संभालने के दौरान डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे, एम. राजेश्वर राव और टी. रविशंकर भी उपस्थित थे।
Shri Sanjay Malhotra takes charge as the 26th Governor of Reserve Bank of India for the next 3 years w.e.f December 11, 2024#RBI #rbigovernor #sanjaymalhotra #rbitoday pic.twitter.com/aa7UdIcWIS
— ReserveBankOfIndia (@RBI) December 11, 2024
तीन वर्षों के लिए आरबीआई गवर्नर नियुक्त किए गए 56 वर्षीय मल्होत्रा के पास बिजली, वित्त तथा कराधान जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ सार्वजनिक नीति में तीन दशक से अधिक का अनुभव है। वह ऐसे समय में केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं, जब अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि दर और उच्च मुद्रास्फीति की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है।
मल्होत्रा के पूर्ववर्ती शक्तिकांत दास के अनुसार वृद्धि तथा मुद्रास्फीति का संतुलन ‘अस्थिर’ हो गया है। जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में घटकर सात तिमाहियों में सबसे निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर रही है। वहीं अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
विश्लेषकों को उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी में होने वाली आगामी नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती करेगा और उनका मानना है कि मल्होत्रा की नियुक्ति से यह संभावना ‘पुख्ता’ हो गई है। दास ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मानक ब्याज दर को करीब दो वर्ष से अपरिवर्तित रखा था। सरकार ने आरबीआई को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है।