इजराइल-लेबनान युद्धविराम शुरू, पीएम नेतन्याहू ने गिनाए समझौते के तीन कारण
येरुशलम, 27 नवम्बर। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते की घोषणा करने के पीछे तीन कारण गिनाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध विराम की अवधि इस बात पर निर्भर करेगी कि लेबनान में क्या होता है।
नेतन्याहू का यह बयान इजराइली सुरक्षा कैबिनेट द्वारा मंगलवार (स्थानीय समय) को लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ संघर्ष विराम समझौते को मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटों बाद आया है। सूत्रों के अनुसार, संघर्ष विराम बुधवार को तड़के चार बजे (स्थानीय समय) शुरू हुआ।
‘हम किसी भी उल्लंघन का जोरदार तरीके से जवाब देंगे‘
युद्ध विराम का जिक्र करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध विराम की अवधि इस बात पर निर्भर करेगी कि लेबनान में क्या होता है। उन्होंने कहा, ‘हम समझौते को लागू करेंगे और किसी भी उल्लंघन का जोरदार तरीके से जवाब देंगे। हम जीत तक एकजुट रहेंगे।’
लेबनान में युद्ध हिजबुल्लाह द्वारा लगभग एक साल पहले सीमित सीमा पार गोलीबारी के बाद शुरू हुआ था। लेबनानी समूह ने कहा कि वह फलस्तीनी समूह द्वारा 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर किए गए हमले के बाद हमास के समर्थन में काम कर रहा था, जिसने गाजा में युद्ध को जन्म दिया।
सेना को विराम देना और स्टॉक को फिर भरना भी युद्ध विराम की एक वजह
बेंजामिन नेतन्याहू ने युद्ध विराम समझौते को चुनने के तीन कारण गिनाए। पहला कारण ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करना था, लेकिन वह इसे और बढ़ाना नहीं चाहते थे। उनका दूसरा कारण सेना को विराम देना और स्टॉक को फिर से भरना था। उन्होंने कहा, ‘और मैं खुले तौर पर कहता हूं, यह कोई रहस्य नहीं है कि हथियारों और युद्ध सामग्री की डेलिवरी में बड़ी देरी हुई है। ये देरी जल्द ही हल हो जाएगी। हमें उन्नत हथियारों की आपूर्ति मिलेगी, जो हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखेगी और हमें अपना मिशन पूरा करने के लिए अधिक स्ट्राइक फोर्स देगी।’
‘हमास को अलग-थलग करना हमारा लक्ष्य था‘
उन्होंने कहा कि युद्ध विराम करने का तीसरा कारण मोर्चों को अलग करना और हमास को अलग-थलग करना था। उन्होंने कहा, ‘युद्ध के दूसरे दिन से, हमास हिजबुल्लाह पर भरोसा कर रहा था कि वह उसके साथ लड़ेगा। हिजबुल्लाह के बाहर होने के बाद, हमास अपने दम पर रह गया है। हम हमास पर अपना दबाव बढ़ाएंगे और इससे हमें अपने बंधकों को रिहा करने के हमारे पवित्र मिशन में मदद मिलेगी।’
समझौता कराने में अमेरिका की अहम भूमिका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने, जिन्होंने इस समझौते को सुगम बनाया और घोषणा के तुरंत बाद इजराइल और लेबनान के नेताओं से बात की, कहा कि युद्ध विराम स्थायी होने का इरादा है। बाइडेन ने कहा कि समझौते की शर्तों के तहत इजराइल 60 दिनों की अवधि में अपने बलों की क्रमिक वापसी शुरू करेगा, जिसमें लेबनानी सेना हिजबुल्लाह को अपने बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण से रोकने के लिए सीमा के पास के क्षेत्र का नियंत्रण संभालेगी। दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस आ सकेंगे।’
युद्ध विराम की निगरानी के लिए 5 देशों का नेतृत्व करेगा अमेरिका
अमेरिका से युद्ध विराम की निगरानी के लिए पांच देशों की निगरानी समिति का नेतृत्व करने की उम्मीद है जबकि दक्षिणी लेबनान (यूनिफ़िल) में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को मजबूत किया जाएगा। बाइडेन ने यह भी कहा, ‘आने वाले दिनों में, संयुक्त राज्य अमेरिका, तुर्की, मिस्र, कतर, इजराइल और अन्य देशों के साथ मिलकर गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए काम करेगा।’
नेतन्याहू ने समझौते में अमेरिकी भागीदारी के लिए जताया आभार
वहीं इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने पुष्टि की कि देर रात कैबिनेट की बैठक के दौरान योजना को एक के मुकाबले 10 वोट से मंजूरी दी गई और लेबनान में युद्ध विराम समझौते को सुरक्षित करने में अमेरिकी भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। बयान में यह भी दोहराया गया, ‘इजराइल अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे के खिलाफ कार्रवाई करने का अपना अधिकार रखता है।’
लेबनानी पीएम मिकाती ने भी किया समझौते का स्वागत
उधर लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने अपने कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार हिजबुल्लाह और इजराइल के बीच शत्रुता को समाप्त करने के लिए समझौते का स्वागत किया। बयान में कहा गया कि मिकाती ने बाइडेन से बात की थी।