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मणिपुर के हालात बेकाबू : महाराष्ट्र की रैली रद कर दिल्ली लौटे अमित शाह, CRPF के महानिदेशक इम्फाल पहुंचे

मणिपुर के हालात बेकाबू : महाराष्ट्र की रैली रद कर दिल्ली लौटे अमित शाह, CRPF के महानिदेशक इम्फाल पहुंचे

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नई दिल्ली/इम्फाल, 17 नवम्बर। हिंसाग्रस्त मणिपुर में हालात बेकाबू होते प्रतीत हो रहे हैं। इस क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र के विदर्भ की रैलियां रद कर दीं और नागपुर से दिल्ली लौट आए। वहीं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह शाम को इम्फाल पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार, यह कदम राज्य की सुरक्षा स्थिति और क्षेत्र में बढ़ती हिंसा से संबंधित एक अल्टीमेटम के बाद उठाया गया है।

कथित तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में 23 लोग गिरफ्तार

इस बीच मणिपुर पुलिस ने संपत्तियों में कथित तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में 23 लोगों को गिरफ्तार किया है। इम्फाल घाटी में फेक न्यूज के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट और मोबाइल डेटा सर्विस सस्पेंड कर दी गई है। साथ ही अगली सूचना तक कर्फ्यू लगाया गया है। ये उपाय बढ़ती हिंसा की प्रतिक्रिया में उठाए गए हैं, जिसमें जन प्रतिनिधियों के घरों को निशाना बनाने वाली भीड़ को तितर-बितर करने के प्रयासों के दौरान आठ लोग घायल हो गए थे।

बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की तैनाती

मणिपुर पुलिस के सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक ताजा अपडेट में बताया गया है कि कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सेना, सीआरपीएफ और असम राइफल्स के जवानों की बड़े पैमाने पर तैनाती की गई है।

प्रदर्शनकारियों ने आरोपितों पर काररवाई का 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम

इस बीच नागरिक समाज समूहों ने सशस्त्र उग्रवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक काररवाई की मांग करते हुए राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम जारी किया है। एक मैतेई नागरिक अधिकार समूह मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI) के प्रवक्ता ने कहा, ‘राज्यों के सभी प्रतिनिधियों और सभी विधायकों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट को जल्द से जल्द हल करने के लिए कोई निर्णायक कदम उठाना चाहिए।’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर वे मणिपुर के लोगों की संतुष्टि के लिए कोई निर्णय नहीं लेते हैं, तो उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। हमने सशस्त्र उग्रवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक काररवाई करने को लेकर भारत सरकार और मणिपुर सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।’

वहीं मणिपुर सरकार ने केंद्र से राज्य के छह पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों से एएफएसपीए (AFSPA) की समीक्षा करने और उसे हटाने का भी अनुरोध किया है।

विधायकों के घरों को लगाई आग, सीएम आवास को भी निशाना बनाया

गौरतलब है कि जिरीबाम जिले से लापता मेतेई समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह लोगों के शव बराक नदी से मिलने के कुछ घंटे बाद ही राज्य में हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास को भी निशाना बनाने की कोशिश की गई।

उल्लेखनीय है कि गत 11 नवम्बर को मणिपुर के जिरीबाम जिले में बोरोब्रेका पुलिस स्टेशन को हथियारबंद उग्रवादियों ने निशाना बनाया था। इस पुलिस स्टेशन में सीआरपीएफ ने अपना कैम्प बनाया है और पास में ही एक राहत शिविर चलता है। जवाबी काररवाई में सुरक्षा बलों ने कम से कम 11 हथियारबंद कुकी उग्रवादियों को मार गिराया था। उसके बाद से ही राज्य की स्थिति फिर बिगड़ने लगी है।

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