बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से की मुलाकात, बोले – अब कभी नहीं छोड़ेंगे NDA
नई दिल्ली, 7 फरवरी। पिछले माह नाटकीय घटनाक्रम के तहत महागबंधन का साथ छोड़ दूसरी बार भाजपा नीत NDA में शामिल होकर नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी का पहला दौरा किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहली औपचारिक मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात प्रधानमंत्री आवास पर हुई।
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने पत्रकारों से संक्षिप्त मुलाकात में 2013 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने से पहले, 1995 से भाजपा के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और कहा कि उन्होंने इसे दो बार छोड़ा होगा, लेकिन अब ऐसा कभी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘अब कभी नहीं। हम यहीं (राजग में) रहेंगे।’
Chief Minister of Bihar, Shri @NitishKumar, met Prime Minister @narendramodi. pic.twitter.com/90j2edfVXE
— PMO India (@PMOIndia) February 7, 2024
नीतीश को विधानसभा में 12 फरवरी को विश्वास मत का सामना करना है
पीएम मोदी के साथ यह बैठक नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत का सामना करने से पांच दिन पहले हुई है। उन्होंने आठ मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जिनमें भाजपा और जदयू के तीन-तीन मंत्री शामिल थे और जल्द ही मंत्रिपरिषद का विस्तार होना है। दोनों दलों को लोकसभा चुनाव से पहले कई पेचीदा राजनीतिक मुद्दों से निबटना होगा, जिसमें उनके और उनके छोटे सहयोगियों के बीच चुनाव लड़ने के लिए संसदीय सीटों का वितरण भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू ने बिहार में 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने छह सीटों पर चुनाव लड़ा था। लोजपा अब दो गुटों में विभाजित है। वहीं राजग में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि एक विचार यह भी है कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि बिहार विधानसभा को भंग कर दिया जाए ताकि इसका चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ हो सके, लेकिन हो सकता है कि भाजपा इस विचार के प्रति उतनी उत्साहित नहीं हो।
बिहार विधानसभा में भाजपा की सीट संख्या जदयू से अधिक है। सीट-बंटवारे के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने इसे अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि भाजपा नेता इससे अवगत हैं। वहींबिहार में राज्यसभा की छह सीटें खाली हो रही हैं, जिनके लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है।