लखनऊ, 19 जनवरी। यूपी विधान परिषद की रिक्त एक सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान निर्वाचित हो गए हैं। दरअसल, इस सीट पर ओंकारनाथ चौरसिया ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया था। लेकिन नामांकन पत्र की जांच में उनके अभिलेखों में त्रुटि मिलने के कारण उनका पर्चा निरस्त हो गया, जिसके बाद अब दारा सिंह चौहान निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं।
वैसे देखा जाए तो दारा सिंह ने गुरुवार को विधान मंडल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम – केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक और प्रदेश भाजपा भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में जब नामांकन दाखिल किया था, तभी भाजपा का बहुमत देखते हुए उनकी जीत तय मानी जा रही थी। खैर, आज नामांकन पत्रों की जांच के बाद स्थिति एकदम स्पष्ट हो गई।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 23 जनवरी को नाम वापस लेने का अंतिम दिन था जबकि 30 जनवरी को पूर्वाह्न नौ बजे से शाम चार बजे तक मतदान के बाद उसी शाम मतगणना निर्धारित थी। फिलहाल अब दारा सिंह चौहान के निर्वाचन की औपचारिक घोषणा ही शेष है।
मंत्री बनाए जाने को लेकर लगाए जा रहे कयास
समझा जाता है कि दारा सिंह चौहान को जल्द ही योगी कैबिनेट में जगह दी जाएगी। वैसे तो घोसी सीट पर विधानसभा उपचुनाव के बाद ही उनके मंत्री बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन दारा और उनके साथ ही सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर अब भी इंतजार ही कर रहे हैं। दारा सिंह को गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह नोनिया समाज से आते हैं, जो कि पूर्वांचल में काफी प्रभावी माना जाता है।
विधानसभा उपचुनाव में चौहान को सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह से मात खानी पड़ी थी
उल्लेखनीय है कि दारा सिंह चौहान ने पिछले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर सपा ज्वॉइन कर ली थी। सपा के टिकर पर वह घोसी विधानसभा सीट से चुनाव जीते, लेकिन बाद में उन्होने सपा छोड़कर भाजपा में जाने का फैसला किया। इसके बाद पिछले वर्ष 17 जुलाई को उन्होंने घर वापसी कर ली। भाजपा में शामिल होने के पहले दारा सिंह चौहान ने घोषी सीट से इस्तीफा दिया था। हालांकि उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह से उन्हें करीब 42 हजार वोटों से पराजय झेलनी पड़ी थी।