1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. वाराणसी में हृदय विदारक घटना : आंध्र से आए एक ही परिवार के चार सदस्यों ने लगाई फांसी, ढाई पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा
वाराणसी में हृदय विदारक घटना : आंध्र से आए एक ही परिवार के चार सदस्यों ने लगाई फांसी, ढाई पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा

वाराणसी में हृदय विदारक घटना : आंध्र से आए एक ही परिवार के चार सदस्यों ने लगाई फांसी, ढाई पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा

0
Social Share

वाराणसी, 7 दिसम्बर। धार्मिक नगरी काशी में गुरुवार को एक हृदक विदारक घटना सामने आई, जब आंध्र प्रदेश से आए दंपति ने दो बेटों के साथ फांसी लगा कर जान दे दी। उनका शव गुरुवार शाम देवनाथपुरा स्थित काशी कैलाश भवन के कमरे में धरन के सहारे नायलान की रस्सी से लटकता मिला। पुलिस के साथ पहुंची फॉरेंसिक टीम व डॉग स्क्वाएड ने मौके की जांच-पड़ताल की।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के धर्मागुडयू स्ट्रीट मंडापेटा निवासी 50 वर्षीय कोंडा बाबू अपनी पत्नी लावण्या (45 वर्ष) और दो बेटों राजेश (25 वर्ष) व जयराज (23 वर्ष) के साथ गत तीन दिसम्बर को वाराणसी आए थे। रामतारक आंध्रा आश्रम की शाखा कैलाश भवन के दूसरे तल पर ठहरे थे।

कोंडा बाबू को गुरुवार पूर्वाह्न नौ बजे कमरा छोड़ना था। इसकी जानकारी उन्होंने आश्रम संचालक वीवी सुंदर शास्त्री समेत अन्य को दे दी थी। पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे आश्रम में सफाईकर्मी पुष्पा दूसरे तल पर सफाई करने पहुंची तो कमरे का दरवाजा बंद था। यह सोचकर की सभी लोग सो रहे होंगे, वह वापस चली गई। शाम को पांच बजे वह फिर गई, तब भी कमरा बंद ही मिला।

सफाईकर्मी ने इसकी जानकारी आश्रम की देखरेख करने वाले इंजीनियर को दी। दोनों ने ऊपर कमरा खोलवाने की कोशिश की, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। शंकावश खिड़की से देखा को पति-पत्नी व दोनों बेटे फंदे से लटकते नजर आए। इसकी जानकारी आश्रम संचालक के साथ पुलिस को दी गई।

मौके पर पहुंची पुलिस कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो पाया कि सभी शव अकड़ चुके थे। इससे अशंका जताई जा रही है कि उन्होंने देर रात या भोर में फांसी लगाई होगी। पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन के अनुसार परिवार का रुपयों को लेकर विवाद था और पिछले दो महीने से अपना गांव छोड़कर इधर-उधर रह रहे थे।

मौत में की एक दूसरे की मदद

कोंडा बाबू के पूरे परिवार ने मौत को गले लगाना तय कर लिया था। इसमें एक दूसरे की मदद भी की। जिस कमरे में चारों रह रहे थे, उसमें दो फोल्डिंग चारपाई व एक लकड़ी का बेड था। एक लकड़ी की कुर्सी थी, जिसका इस्तेमाल सभी ने लोहे के धरन में लगे हुक पर नायलान की रस्सी बांधने और उस पर खड़े होकर फंदा लगाने में किया। घटनास्थल की स्थिति से स्पष्ट हो रहा था कि एक के बाद एक उन्होंने फांसी लगाई थी।

सबसे अंत में राजेश ने लगाई फांसी

लकड़ी की कुर्सी, जिसके सहारे सभी ने आत्महत्या की थी, राजेश का शव के पास गिरी थी। इससे अंदाज लगाया जा रहा है कि उसने सबसे अंत में फांसी लगाई होगी। पुलिस का मानना है कि सबसे पहले लावण्या फंदे पर लटकी होगी। उसकी मदद पति व दोनों बेटों ने की होगी। इसके बाद जयराज ने जान दी फिर कोंडा बाबू और सबसे अंत में राजेश फंदे पर लटका। वह एक-दूसरे की मौत देखते रहे।

मौत का किया था पूरा इंतजाम

फांसी लगाने वाले चारों ने अपनी जान देना तय कर लिया था। फांसी लगाने के लिए वह नायलान की रस्सी लाए थे। कमरे में बोतलों में पानी के साथ कीटनाशनक मिला, जिससे अंदाज लगाया जा सकता है कि उन्होंने पहले कीटनाशक पीया होगा। किसी भी तरह किसी की जान न बचे, इसलिए ब्लेड से हाथ की नस काटना भी तय किया था। इसके लिए नया ब्लेड भी ले आए थे। राजेश ने अपने बाएं हाथ की नस उससे काटी भी थी। बाकी तीनों के पास ब्लेड मिला।

मौत से पहले सभी ने लगाया टीका

मौत से पहले सभी ने भगवान का ध्यान किया और एक-दूसरे को टीका लगाया। सभी के माथे पर लाल रंग का टीका लगा हुआ था। कमरे में एक पॉलीथिन में टीका रखा हुआ था। फांसी लगाने के दौरान भी उन्होंने जो रस्सी चुनी, उसका भी एक पैटर्न था। लावण्या व जयराज के गले में नीले रंग की व कोंडा बाबू व राजेश के गले में पीले रंग की रस्सी थी। फांसी भी ऐसे लगाई की ताकि सभी के चेहरे एक-दूसरे के सामने रहे।

समझ नहीं आया हुक का रहस्य

परिवार ने लोहे के धरन में लगे हुक के सराहे फांसी लगाकर जान दी। चारों हुक ऐसे लगे थे, जैसे वह एक चौकोर बना रहे हों। इस तरह का हुक पंखा लटकाने के लिए किया जाता है। अन्य कमरों में सिर्फ एक हुक है, जिस पर पंखा लगाया गया। लेकिन इस कमरे में पंखे के हुक के अलावा चार और क्यों लगे हैं यह कोई बता नहीं सका। आशंका यह भी कि आत्महत्या की नीयत से इन हुक को जान देने वाले परिवार ने ही लगाया होगा, ताकि वे एक साथ मौत को गले लगा सकें।

ढाई पन्ने का मिला सुसाइड नोट

पुलिस को कमरे से ढाई पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। तेलुगु में लिखे सुसाडट नोट को पुलिस ने भाषा के जानकार से पढ़वाकर परिवार के बार में और जानकारी लेने की कोशिश की। इससे पता चला कि परिवार ने कारोबार के लिए कुछ लोगों से 12 लाख रुपये लिए थे। इनमें से छह लाख रुपये खर्च हो गए थे। रुपये देने वाले वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे। इससे परिवार तनाव में था। सुसाइड नोट को फॉरेंसिक टीम ने सील कर दिया है।

दो महीने से घर छोड़कर घूम रहा था परिवार

पुलिस कमिश्नर के अनुसार आत्महत्या करने वाले परिवार पिछले दो महीने से अपने गांव को छोड़कर इधर-उधर घूम रहा था। अंत में सभी वाराणसी आए और यहां आकर जान दे दी।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code