कनाडा के बाद अब अमेरिका का दिमाग फिरा! खालिस्तानी की हत्या की साजिश में भारत का लिया नाम
न्यूयॉर्क, 29 नवम्बर। कनाडा के बाद अब अमेरिका ने भारत पर एक सिख अलगाववादी की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। फेडरल कोर्ट में अभियोजकों ने बुधवार को कहा कि इस हत्या की सुपारी अमेरिका में बसे 52 वर्षीय निखिल गुप्ता को दी गई थी। यदि निखिल गुप्ता पर आरोप साबित हो जाते हैं तो उसे 10 साल तक की सजा मिल सकती है।
न्यूयार्क के दक्षिण जिले के यूएस अटॉर्नी मैथ्यू जी ऑल्सन ने कोर्ट में आरोप लगाया कि निखिल गुप्ता अलगाववादी खालिस्तानी को मारने के लिए एक लाख अमेरिका डॉलर के सौदे पर सहमत हुआ था।
‘सिखों के लिए संप्रभु राज्य की वकालत‘
न्यूयार्क के दक्षिण जिले के यूएस अटॉर्नी डैमियन विलिय्मस ने एक बयान में कहा, ‘प्रतिवादी निखिल गुप्ता ने भारत से आकर न्यूयार्क में बसे भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची। वह व्यक्ति भारत में जातीय रूप से अल्पसंख्यक सिखों के लिए संप्रभु राज्य की वकालत करता है।’
दिलचस्प यह है कि यह घटनाक्रम उस दिन सामने आया है, जब भारत ने कहा कि उसने अमेरिकी धरती पर सिख चरमपंथी को मारने की साजिश से संबंधित आरोपों की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है।
18 नवम्बर को समिति का गठन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को दिन में कहा कि अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए हैं और भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे ‘हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों’ पर भी प्रभाव डालते हैं। संबंधित विभाग इस मुद्दे की जांच कर रहे थे। उन्होंने कहा, भारत ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए 18 नवम्बर को एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है।
अमेरिका का आतंक पर डबल गेम
‘फाइनेंशियल टाइम्स’ में अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए पिछले हफ्ते रिपोर्ट दी थी कि अमेरिकी अधिकारियों ने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को विफल कर दिया। उसने इस साजिश में शामिल होने की चिंताओं को लेकर भारत सरकार को एक चेतावनी भी जारी की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बुधवार को कहा कि भारत ने मामले के सभी प्रासंगिक पहलुओं पर गौर करने के लिए एक हाई लेवल पैनल का गठन किया है।
भारत का घोषित आतंकी है पन्नून
गौरतलब है कि गुरपतवंत सिंह पन्नून मूल रूप से पंजाब का रहने वाला है और अब अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहता है। उसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। वहीं रहकर वह भारत के खिलाफ जगर उगलता है और खालिस्तानी आतंकवाद को दोबारा जिंदा करने के लिए वैश्विक फंडिंग करता है। उसके इशारे पर पंजाब में हिंसा की कई बड़ी घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित कर दिया। भारत उसे सौंपने के लिए अमेरिका से कई बार आग्रह कर चुका है, लेकिन यूएस मानवाधिकार के नाम पर उसे बचाने में लगा हुआ है।