ड्राफ्ट रिपोर्ट में काररवाई की सिफारिश पर महुआ मोइत्रा का हमला – ‘एथिक्स कमेटी किसी कंगारू कोर्ट से कम नहीं’
नई दिल्ली, 10 नवम्बर। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की फायरब्रांड नेता और लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने नकदी के बदले सवाल (Cash for Query) मामले में अब सीधे तौर पर संसद की एथिक्स कमेटी पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मामले की जांच करने वाली लोकसभा की एथिक्स कमेटी किसी ‘कंगारू कोर्ट’ से कम नहीं है।
सोशल प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर किए एक पोस्ट में महुआ मोइत्रा ने कहा कि संसद की एथिक्स कमेटी के पास इस तरह के अधिकार नहीं हैं कि वो उन्हें लोकसभा से निष्कासित करने का फैसला सुनाए। मोइत्रा ने लिखा, ‘संसदीय इतिहास में एथिक्स कॉम द्वारा अनैतिक रूप से निष्कासित होने वाली पहले व्यक्ति के तौर पर गर्व है, जिसके जनादेश में निष्कासन शामिल नहीं है। पहले निष्कासन और फिर सरकार से सबूत खोजने के लिए सीबीआई से कहने के लिए कहे। कंगारू कोर्ट, शुरू से अंत तक बंदरबांट है।’
Proud to go down in parliamentary history as 1st person to be unethically expelled by Ethics Comm whose mandate doesn’t include explusion. 1st expel & THEN ask govt to ask CBI to find evidence. Kangaroo court, monkey business from start to finish.https://t.co/PW5bbgeyIp
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 10, 2023
‘इन आरोपों से मुझे 2024 में जीत का अंतर दोगुना करने में मदद मिलेगी‘
महुआ ने इसके साथ ही यह दावा भी किया कि भाजपा और उसके सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उनके उपर लगाए गए आरोप से उन्हें 2024 में कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से बड़े अंतर से जीत मिलेगी। मोइत्रा ने पोस्ट में दावा करते हुए कहा, ‘वे कहते हैं कि किसी अच्छे संकट को कभी बर्बाद मत करो। गोबर बुद्धि वाली बीजेपी को धन्यवाद। इससे मुझे 2024 में जीत का अंतर दोगुना करने में मदद मिलेगी।’
गौरतलब है कि लोकसभा की एथिक्स कमोटी द्वारा बीते गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ आरोपों पर आई रिपोर्ट के बाद कई विपक्षी दलों के नेता बेहद मजबूती के साथ उनके पक्ष में खड़े हुए हैं।
टीएमसी ने भी एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लीक होने पर उठाया सवाल
वहीं मोइत्रा की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और ममता बनर्जी सरकार के मंत्री शशि पांजा ने गुरुवार को कहा, ‘आज एथिक्स कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। यह अनुचित है कि रिपोर्ट को बैठक में पेश किया जाना था और फिर उस पर बहस होनी थी और उस पर मतदान होना था, लेकिन रिपोर्ट पहले ही सार्वजनिक डोमेन में आ गई। अगर कोई जांच होने वाली है तो एक समिति सिफारिश के साथ कैसे आगे बढ़ रही है।’
इससे पहले गुरुवार को लोकसभा आचार समिति की बैठक हुई, जो भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ आरोपों की जांच कर रही है। इस कमेटी के बैठक में 6-4 के बहुमत के साथ अपनी रिपोर्ट दी है।
एथिक्स कमेटी के प्रमुख विनोद सोनकर के मुताबिक कांग्रेस सांसद परनीत कौर समेत समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट का समर्थन किया जबकि चार सदस्यों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने आगे कहा कि पैनल शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक ‘विस्तृत रिपोर्ट’ सौंपेगा।