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सीएम नीतीश कुमार का छलका भाजपा प्रेम, बोले – ‘जब तक जिंदा हैं, भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी’

सीएम नीतीश कुमार का छलका भाजपा प्रेम, बोले – ‘जब तक जिंदा हैं, भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी’

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पटना, 19 अक्टूबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भाजपा के प्रति प्रेम उस समय छलक कर बाहर आ गया, जब वह मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने मंच से ही कहा कि जब तक जिंदा है, तब तक भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी।

मोदी सरकार की तारीफ, तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को कोसा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व भाजपा नेताओं की उपस्थिति में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी सरकार का आभार जताया और मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार को कोसा भी। उन्होंने कहा, ‘मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने तो मेरी बात ही नहीं सुनी थी। वो तो 2014 में जब नई सरकार बनी तो मेरी बात मानी गई।’

दरअसल, गुरुवार को महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह हुआ। बिहार दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के अलावा भाजपा के कई नेता इस दौरान मंच पर उपस्थित थे।

इसी दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, ‘उन लोगों से तो हमारा पुराना नाता रहा है। आज भले ही हम अलग हो गए हैं, जितने लोग यहां हैं, सब हमारे दोस्त हैं। छोडिये न भाई, हम अलग हैं, आप अलग हैं।  छोड़िये न भाई, हमरा तो दोस्ती कभी खत्म होगा, जब तक हम जीवित रहेंगे, आप लोगों के साथ हमेशा से साथ रहा है, हमेशा रहेगा। आप लोगों के साथ भी मेरा संबंध रहेगा। चिंता मत करिए।’

नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2007 में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने का एलान किया था। 2009 में मनमोहन सिंह सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम पास किया। बिहार में भी एक विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया गया।

तत्कालीन यूपीए सरकार ने मेरे कहने के बावजूद मोतिहारी में केंद्रीय विवि नहीं खोला

उन्होंने कहा, ‘मैंने उसी समय केंद्र सरकार से मांग की थी कि इस विश्वविद्यालय को मोतिहारी में खोला जाए। मोतिहारी ही वह जगह है, जहां से महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत की थी। बापू ने यहां शिक्षा की अलख भी जगाई थी। मैंने बार-बार तत्कालीन केंद्र सरकार को कहा कि मोतिहारी में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोला जाए, लेकिन वह राजी नहीं हुई।’

उन्होंने कहा, ‘मनमोहन सिंह के समय मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से जाकर मुलाकात की। उन्होंने मुझे खाना खिलाया, लेकिन मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने से मना कर दिया। मैं उन्हें बार-बार कहता रहा कि मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलिए, लेकिन वे माने नहीं। वो तो 2014 में जब केंद्र में नई सरकार आई तो मोतिहारी में बापू के नाम पर केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने का फैसला लिया। 2016 से यहां काम भी शुरू हो गया।’

सीएम नीतीश ने इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कहा, ‘मैंने कई दफे कहा है कि आपको हम पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में बापू ने जो कमबा करवाया था न, एक-एक चीजबा देखा देंगे। आप आते रहिए। आदरणीय राष्ट्रपति जी, हम तो कल से ही कह रहे हैं आप आई हैं, यह अच्छी बात है। हम तो आपको बोलबे किए हैं कल भी कि, अब आप आई हैं, बहुत ख़ुशी है। हम तो चाहेंगे कुछ-कुछ समय पर आप आते रहिए।’ उसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने नीतीश कुमार की बातों पर सहमति जताई।

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