नई दिल्ली, 1 अक्टूबर। भारत में नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान दूतावास का परिचालन आज से बंद किया जा रहा है। पिछली अफगान सरकार द्वारा नियुक्त राजनयिकों ने घोषणा कर कहा कि कर्मियों और संसाधनों में उल्लेखनीय कमी और भारत सरकार से समर्थन की कमी के कारण नई दिल्ली में अफगान दूतावास एक अक्टूबर से परिचालन बंद कर देगा।
भारत सरकार से समर्थन की कमी का हवाला दिया
राजनयिकों ने पहले विदेश मंत्रालय को 25 सितम्बर को भेजे गए एक नोट वर्बेल या अहस्ताक्षरित राजनयिक पत्राचार के माध्यम से दूतावास को बंद करने की अपनी योजना के बारे में सूचित किया था। शनिवार को जारी एक बयान में राजनयिकों ने अफगानिस्तान और उसके नागरिकों के हितों की सेवा में कमियों को स्वीकार किया।
मुंबई और हैदराबाद में अफगान वाणिज्य दूतावासों का संचालन जारी रहेगा
हालांकि, मुंबई और हैदराबाद में अफगान वाणिज्य दूतावासों द्वारा अपना संचालन जारी रहेगा। बयान में यह भी कहा गया कि इन मिशनों द्वारा की गई कोई भी काररवाई वैध या निर्वाचित सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप नहीं है और बल्कि एक अवैध शासन के हितों की पूर्ति करती है।
मुंबई और हैदराबाद में महावाणिज्यदूत अशरफ गनी सरकार द्वारा नियुक्त किए गए थे, जिन्हें 2021 के मध्य में तालिबान द्वारा हटा दिया गया था। फिलहाल अफगान राजनयिकों की ओर से दिए इन बयानों पर भारत सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
वहीं, अफगान दूतावास बंद किए जाने को लेकर मीडिया में अन्य खबरें भी है कि अफगानिस्तान में मचे अंदरूनी कलह के कारण यह सब हो रहा है। जब से अफगान में तालिबान सरकार का वर्चस्व हुआ है, वहां विरोध के सुर भी सुनाई दिए हैं।
हालांकि, अफगान अधिकारी इस बात का खंडन कर रहे हैं। दूतावास ने कहा कि विदेश मंत्रालय (एमईए) को पहले नई दिल्ली में परिचालन बंद करने के अपने फैसले से अवगत कराया गया था। इसमें कहा गया, “यह संचार हमारी निर्णय लेने की प्रक्रिया और बंद करने वाले कारकों का सटीक रूप से प्रतिनिधित्व करता है।” अफगानी दूतावास ने सरकार से भारत में रहने, काम करने, अध्ययन करने, व्यापार करने और विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने वाले अफगानों के हितों की रक्षा करने का भी आग्रह किया।
राजनयिकों के बीच आंतरिक कलह से दूतावास का इनकार
दूतावास ने साथ ही अपने राजनयिक कर्मचारियों या किसी तीसरे देश में शरण लेने के लिए संकट का उपयोग करने वाले किसी भी राजनयिक के बीच आंतरिक कलह या कलह के संबंध में किसी भी ‘निराधार दावे’ का खंडन किया। दूतावास ने कहा, ऐसी अफवाहें निराधार हैं और हमारे मिशन की वास्तविकता को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं। हम अफगानिस्तान के सर्वोत्तम हितों के लिए काम करने वाली एक एकजुट टीम बने हुए हैं।’
भारत ने अफगानिस्तान में 2021 में बंद कर दिया था अपना दूतावास
उल्लेखनीय है कि 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया था। हालांकि, नई दिल्ली ने राजदूत फरीद मामुंडजे और अपदस्थ अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा नियुक्त मिशन स्टाफ को भारत में वीजा जारी करने और व्यापार मामलों को संभालने की अनुमति दी थी।