यूएस ओपन टेनिस : रोहन बोपन्ना ने रचा इतिहास, ओपन युग में सबसे उम्रदराज ग्रैंड स्लैम फाइनलिस्ट
न्यूयॉर्क, 7 सितम्बर। भारत के अनुभवी टेनिस सितारे रोहन बोपन्ना ने यहां जारी वर्ष की चौथी व अंतिम ग्रैंड स्लैम टेनिस स्पर्धा यूएस ओपन के दौरान इतिहास रचा और ओपन युग में किसी मेजर प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश करने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए।
.@rohanbopanna at the age of 43, is into a Grand Slam final 👏
The last time he made a GS Men's Doubles final was 13 years ago, also at the #USOpen📷 pic.twitter.com/KUSz7WzgXs
— ESPN India (@ESPNIndia) September 7, 2023
बोपन्ना व मैथ्यू एब्डेन ने सीधे सेटों में दर्ज की जीत
43 वर्षीय छह माह की अवस्था पार कर चुके बोपन्ना ने गुरुवार को फ्लशिंग मेडोज के लुइस आर्मस्ट्रांग स्टेडियम कोर्ट पर खेले गए पुरुष युगल सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलियाई जोड़ीदार मैथ्यू एब्डेन के साथ मिलकर यह कारनामा किया। बोपन्ना व एब्डेन की छठी नामांकित जोड़ी ने वर्ष 2015 के चैम्पियन पियरे हर्बर्ट और निकोलस माहू की फ्रांसीसी जोड़ी को एक घंटा 34 मिनट में 7-6 (3), 6-2 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
BREAKING: Rohan Bopanna and Matthew Ebden beat 2015 champions Mahut and Herbert to advance to the US Open Final! 🇮🇳🇦🇺#USOpen #Tennis #SKIndianSports pic.twitter.com/aplfZoH0YC
— Sportskeeda (@Sportskeeda) September 7, 2023
फाइनल में सेलिसबरी व राजीव राम से होगी टक्कर
गत जुलाई में विम्बलडन टेनिस के सेमीफाइनल तक पहुंचे रोहन व एब्डेन की अब फाइलन में तीसरी सीड जो सेलिसबरी व राजीव राम से टक्कर होगी। ब्रिटिश-अमेरिकी जोड़ी ने तीन सेटों के संघर्षपूर्ण सेमीफाइनल में दूसरे वरीय क्रोएशियाई इवान डोडिग व अमेरिकी ऑस्टिन क्राइचेक को चौंकाते हुए सवा दो घंटे में 7-5, 3-6, 6-3 से जीत हासिल की।
बोपन्ना ने अंतिम बार 13 वर्ष पहले यहीं मेजर फाइनल खेला था
दिलचस्प तो यह है कि बोपन्ना ने अंतिम बार 13 वर्ष पहले ग्रैंड स्लैम पुरुष युगल फाइनल का टिकट पाया था और वह भी यूएस ओपन में ही। अब उनकी निगाहें ओपन युग के सबसे उम्रदराज ग्रैंड स्लैम चैम्पियन बनने पर लगी हैं।
गत मार्च में सबसे उम्रदराज एटीपी मास्टर्स 1000 चैम्पियन बने थे
गौरतलब है कि बोपन्ना ने इसी वर्ष 18 मार्च को भी इतिहास रचा था, जब वह कैलिफोर्निया में सबसे उम्रदराज एटीपी मास्टर्स 1000 चैम्पियन बने थे। उन्होंने एब्डेन के साथ मिलकर फाइनल में सर्वोच्च वरीय डच वेसली कूलहॉफ व ब्रिटिश नील स्कुप्स्की को 6-3, 2-6, 10-8 से हराया था। एब्डेन के साथ बोपन्ना का यह दूसरा और सत्र का पहला खिताब था।