चीन के नए नक्शे पर भारत ने जताई कड़ी आपत्ति, विदेश मंत्रालय ने कहा – इससे बॉर्डर के सवाल मुश्किल हो जाते हैं
नई दिल्ली, 29 अगस्त। भारत ने चीन द्वारा नए नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताने पर कड़ी आपत्ति जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक्स पर जारी एक बयान में कहा, “हमने आज चीन के तथाकथित 2023 के ‘स्टैंडर्ड मैप’ पर चीनी पक्ष के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है। चीनी पक्ष द्वारा इस तरह के कदम केवल सीमा प्रश्न के समाधान को जटिल बनाते हैं।’
Our response to media queries on the so called 2023 “standard map” of China:https://t.co/OZUwNRNrit pic.twitter.com/sAmy20DEa6
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 29, 2023
गौरतलब है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने 2023 का स्टैंडर्ड मैप जारी किया है। इसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा पेश किया है। यह नक्शा सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर विवाद पैदा हो गया।
भारत द्वारा बार-बार अरुणाचल प्रदेश को अपना अभिन्न अंग बताने के बावजूद चीन ने इस तरह की हिमाकत को अंजाम दिया है। चीनी वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि स्टैंडर्ड मैप चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग मेथड के आधार पर तैयार किया गया है।
नक्शे में ताइवान के अलग हो चुके द्वीप और दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर दावा करने वाली नौ-डैश लाइन को चीन का बताया गया है। बीजिंग हमेशा ताइवान को अपने मेन लैंड का हिस्सा बताता रहा है। मेन लैंड के साथ इसका एकीकरण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निर्धारित उद्देश्य का हिस्सा है।
चीन का ताजा उकसावा नई दिल्ली में होने वाली जी-20 बैठक से कुछ दिन पहले आया है। इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित विश्व के कई नेता शामिल होंगे। गौरतलब है कि बीते हफ्ते पीएम मोदी ने जोहानेसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चिनपिंग से संक्षिप्त मुलाकात की थी। इस दौरान पीएम ने एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं को रेखांकित किया था।