पीएम मोदी का दावा : कांग्रेस की ‘वंशवादी राजनीति’ के कारण शरद पवार नहीं बन सके प्रधानमंत्री
नई दिल्ली, 9 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर एक बार फिर करारा प्रहार करते हुए दावा किया है कि उसकी ‘वंशवादी राजनीति’ के ही कारण राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सके।
हालांकि पीएम मोदी ने शरद पवार को भी निशाने पर लिया और कहा कि कांग्रेस व शरद पवार के भाई-भतीजावाद के कारण राजनीति में कई प्रतिभाशाली लोगों को बढ़ावा नहीं मिला। समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के एनडीए सांसदों के साथ बैठक के दौरान ये बातें कहीं।
पीएम मोदी ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब शरद पवार के भतीते अजित पवार एनसीपी से बगावत कर पिछले माह पार्टी के आठ अन्य विधायकों को लेकर महाराष्ट्र की भाजपा-शिवसेना (शिंदे गुट) की सरकार में शामिल हो गए और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ अजित पवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
शिवसेना (यूबीटी) ने भाजपा की पीठ में छुरा भोंकने का काम किया
प्रधानमंत्री ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने उनके साथ गठबंधन नहीं तोड़ा है बल्कि उन्होंने भाजपा की पीठ में छुरा भोंकने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच मची रार पर कहा, ‘उद्धव ठाकरे की शिवसेना की ओर से बिना किसी कारण भाजपा के साथ विवाद पैदा किया गया। लेकिन हमने सबकुछ सहन किया है। कभी-कभी हमने इसे हल्के में भी लिया। एक तरफ तो आप सत्ता में रहना चाहते हैं और दूसरी तरफ आप सहयोगी की आलोचना भी करना चाहते हैं। ये दोनों चीजें भला एक साथ कैसे चल सकती हैं।’
पीएम मोदी ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने सीएम गद्दी पाने के स्वार्थ में भाजपा से नाता तोड़ लिया और कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नाम से एक बेमेल गठबंधन कर लिया। प्रधानमंत्री ने एनडीए सांसदों से यह भी कहा कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए गलत काम करने वालों के टिकट रद कर दिए और उसके बाद उन लोगों ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने कहा कि एनडीए में उनके सहयोगी महत्वपूर्ण हैं। यहां पर सभी लोग एक साथ रहेंगे और सम्मान पाएंगे क्योंकि भाजपा कांग्रेस की तरह अहंकारी नहीं है।