नई दिल्ली, 6 जुलाई। अगले वर्ष प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपने पुराने कुनबे को सहेजने में जुटे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 18 जुलाई को एक बैठक बुलाई है, जिसमें पूर्व सहयोगियों – शिरोमणि अकाली दल (शिअद), एलजेपी (चिराग पासवान गुट) और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के शामिल होने की संभावना है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिअद के सुखबीर बादल और चिराग पासवान ने राष्ट्रीय राजधानी के अशोका होटल में आहूत बैठक के लिए अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है। इनके अलावा कुछ अन्य पार्टियां भी बैठक में शामिल हो सकती हैं।
विभिन्न राज्यों में हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों पर नजर दौड़ाएं तो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के पिछले महीने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद एनडीए में शामिल होने से भाजपा को पहले ही बढ़त मिल गई है।
महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत और एनसीपी के एक धड़े के सरकार में शामिल होने के बाद कर्नाटक में जनता दल (सेक्युलर) और आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी के साथ भाजपा के संभावित गठबंधन की सुगबुगाहट चल रही है। टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर उनके साथ बैठक कर चुके हैं।
इस बीच गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने राजनीतिक हलकों में इस चर्चा के बीच अपनी पार्टी के जिला अध्यक्षों की बैठक की कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले शिअद और भाजपा फिर से एक हो सकते हैं। कुछ मीडिया खबरों में यह भी कहा गया है कि इस सप्ताह की शुरुआत में बादल ने चंडीगढ़ में अपने आवास पर भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात की थी।
बादल में एनडीए में शामिल होने की अटकलों को किया खारिज
हालांकि, बादल ने कहा कि यह एक नियमित बैठक थी और पुनर्मिलन का कोई सवाल ही नहीं था। बादल ने कहा, ‘हमारा गठबंधन बसपा से है तो यह सवाल कैसे उठ रहा है? यह हमारी नियमित बैठक है। मैं एक महीने बाद आया हूं, इसलिए हमारी नियमित बैठक हो रही है…हमने वैट वृद्धि और पानी के मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक की।’
गौरतलब है कि अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों पर मतभेदों के बीच शिअद ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया था। बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी सितम्बर, 2020 में केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के निधन पर श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की चंडीगढ़ यात्रा और फिर भाजपा प्रमुख नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह का अलग-अलग मौकों पर उनके गांव का दौरा यह संकेत देता है कि भाजपा अपने पुराने सहयोगियों को एक बार फिर करीब लाने की कोशिश कर रही है।