पनामा पेपर लीक केस : ईडी ने कोलकाता के कारोबारी परिवार की पौने तीन करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
नई दिल्ली, 5 जून। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को बताया कि उसने कोलकाता के एक कारोबारी परिवार की 2.74 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। आरोप है कि परिवार के पास स्विस बैंक में एक खाता था और उसका नाम पनामा पेपर लीक में आया था।
वित्तीय जांच एजेंसी ने कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत जब्त की गई संपत्ति में सावधि जमा, बैंक जमा और कोलकाता में जमीन शामिल हैं, जो श्यामा प्रसाद मोरारका (मृत) और संजय मोरारका से संबंधित हैं।
ईडी के अनुसार पनामा पेपर लीक में कहा गया है कि श्यामा प्रसाद मोरारका और संजय मोरारका बिलिपैक लिमिटेड नामक एक कम्पनी में निदेशक और शेयरधारक थे, जिसका गठन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में किया गया था। जांच में पाया गया कि मोरारका परिवार ने फेमा का उल्लंघन करते हुए एचएसबीसी, स्विट्जरलैंड में अपने नाम और बिलिपैक लिमिटेड के नाम पर विभिन्न खातों में विदेशी मुद्रा के रूप में संपत्ति रखी थी।
पनामा लीक से जुड़ी एक अन्य काररवाई में, एजेंसी ने फेमा के तहत गत दो जून को बेंगलुरु में राजेंद्र पाटिल के खिलाफ छापेमारी की। राजेंद्र पाटिल के आवासीय परिसर के साथ-साथ श्री पार्वती टेक्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड की भी तलाशी ली गई। वह कम्पनी के एक निदेशक हैं। ईडी ने कहा कि पनामा पेपर लीक मामले में पाटिल का नाम सामने आया था।
आरोप है कि पाटिल ने विदेशी कम्पनियों में अघोषित रूप से 66.35 करोड़ रुपये लगाये हैं और छापेमारी की काररवाई से पता चला कि उन्होंने दुबई, तंजानिया और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) में विभिन्न कम्पनियों में निवेश किया था।
