हाई कोर्ट का आदेश : बीमा पॉलिसी में नामित को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं
प्रयागराज, 17 मई। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले से किसी भी बीमा पॉलिसी में दर्ज नामित (नॉमिनी) को बड़ी राहत प्रदान की है, जिसे बीमाधारक की मृत्यु के पश्चात भुगतान लेने के लिए व्यर्थ की भागदौड़ के बीच मुश्किलों का सामना करना पड़ता है
दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है यदि कोई किसी बीमा में नॉमिनी है तो वह उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देने के लिए बाध्य नहीं है। इस प्रमाण पत्र के दिए बिना उसे बीमा की राशि मिल जाएगी। हां, यदि वह अपनी इच्छा से इसे देना चाहे तो कोई समस्या नहीं है।
न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति मंजिव शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश आजमगढ़ की रहने वाली सविता देवी की पुनर्विचार अर्जी स्वीकार करते हुए दिया। हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि पति द्वारा कराई गई बीमा पॉलिसी में नामित पत्नी को पति के न रहने की दशा में बीमा राशि की मांग के साथ उत्तराधिकार प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है। नॉमिनी होने के चलते उसे तुरंत बीमा की राशि का भुगतान पाने का अधिकार है।
गौरतलब है कि इस मामले में कोर्ट ने बीमा कम्पनी को बीमा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था, लेकिन बीमा कम्पनी ने पॉलिसी में नामित पत्नी को यह कहते हुए भुगतान नहीं दिया कि उनके उत्तराधिकार को लेकर विवाद चल रहा है। अब हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के बिना ही नॉमिनी को बीमा राशि के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है।