WFI विवाद : बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की जांच करेगी 7 सदस्यों की कमेटी, मैरी कॉम व योगेश्वर दत्त भी शामिल
नई दिल्ली, 20 जनवरी। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और पहलवानों के बीच विवाद में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बड़ा फैसला लिया है और WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी की अध्यक्षता ख्यातिनाम मुक्केबाज मैरी कॉम करेंगी जबकि अलकनंदा अशोक उपाध्यक्ष होंगी।
IOA कार्यकारी परिषद की आपात बैठक में कमेटी गठन का फैसला
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी.उषा की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि IOA कार्यकारी परिषद की एक आपात बैठक शाम 5.45 बजे ऑनलाइन बुलाई गई, जो शाम 7.30 बजे तक चली। इस बैठक में पांच एथलीटों – विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, रवि दहिया और दीपक पुनिया के शिकायती पत्रों पर चर्चा की गई। बैठक में अभिनव बिंद्रा, IOC एथलीट आयोग के सदस्य और शिवा केशवन समेत विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हुए।
खेल मंत्रालय के त्वरित एक्शन की आईओए ने की सराहना
इस बात पर सर्वसम्मति से सहमति बनी कि मीडिया ट्रायल के बहकावे में नहीं आना चाहिए। निर्णय लिया गया कि 2013 के महिला अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न की रोकथाम के अनुसार एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए और दोनों पक्षों को सुनना होगा। उसके बाद IOA अध्यक्ष को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। कमेटी को जल्द से जल्द बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं। IOA ने कहा है कि वह खेल मंत्रालय के त्वरित एक्शन लेने की सराहना करता है।
मैरी कॉम कमेटी की अध्यक्षता करेंगी, जांच की कोई समय सीमा तय नहीं
आईओए की कमेटी में चार महिला और तीन पुरुष सदस्य हैं। कमेटी में शामिल दो अधिवक्ताओं में एक पुरुष और एक महिला सदस्य, दो I0A पदाधिकारी और दो NSF के प्रतिनिधि शामिल होंगे। कमेटी की अध्यक्षता एमसी मैरी कॉम करेंगी। उपाध्यक्ष अलकनंदा अशोक होंगी। उनके अलावा सदस्य के रूप में सहदेव यादव, डोला बनर्जी व योगेश्वर दत्त के नाम हैं। अधिवक्ता सदस्य में श्लोक चंद्र और तलिश रे को शामिल किया गया है। जांच को लेकर कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है।
बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से खेल मंत्रालय में दाखिल किया गया जवाब
इससे पहले खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को 72 घंटे में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे। हालांकि, शुक्रवार को बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से जवाब दाखिल कर दिया गया है। इस संबंध में बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने जानकारी दी है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने भी एक नोटिस जारी की थी।
WFI की वार्षिक आम बैठक में 22 जनवरी को मीडिया को संबोधित करेंगे बृजभूषण
इस बीच बृजभूषण के बेटे प्रतीक भूषण सिंह का शुक्रवार को बयान आया है। प्रतीक ने कहा, ‘हम औपचारिक रूप से इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। वह (बृज भूषण शरण सिंह) WFI की वार्षिक आम बैठक में 22 जनवरी को मीडिया को संबोधित करेंगे। ये बैठक अयोध्या में आयोजित होने जा रही है। हमने खेल मंत्रालय को अपना आधिकारिक बयान दे दिया है।
दिल्ली में तीन दिन से धरना दे रहे पहलवान
गौरतलब है कि दिल्ली में जंतर-मंतर पर बीते तीन दिनों से पहलवान धरना दे रहे हैं। बुधवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक समेत 30 पहलवानों ने कुश्ती महासंघ और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला और विरोध-प्रदर्शन किया। खिलाड़ियों का कहना था कि महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण किया जाता है और उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। WFI अध्यक्ष सरेआम पहलवानों के साथ अभद्रता करते हैं। गाली-गलौज की जाती है। पहलवानों का दावा है कि कुश्ती महासंघ नियमों के नाम पर रेसलर्स का उत्पीड़न कर रहा है। पहलवानों ने कुश्ती महासंघ को भंग करने की मांग उठाई है।
खेल मंत्रालय ने 72 घंटे में मांगा था जवाब
इस घटनाक्रम के बाद खेल मंत्रालय ने बुधवार रात ही कुश्ती महासंघ को स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए और 72 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा था। इसी क्रम में लखनऊ में 18 जनवरी से होने वाले कैंप को रद कर दिया गया था। दिल्ली महिला आयोग ने भी मामले में संज्ञान लिया और खेल मंत्रालय को नोटिस भेजा। गुरुवार देर रात केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के बुलावे पर धरना देने वाले पहलवान उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। यहां पहलवानों के साथ खेल मंत्री ने डिनर किया और सभी से एक-एक कर बात की। सूत्रों के मुताबिक, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को फोन किया गया और 24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने का आदेश सुनाया गया।
बृजभूषण बोले – दीपेंद्र हुड्डा के इशारे पर साजिश की गई
वहीं, आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने सफाई देते हुए कहा था, ‘अगर आरोप सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटकने के लिए तैयार हूं। मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे दीपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस की तरफ से प्रायोजित हैं। धरना देने वाले चंद वे ही खिलाड़ी हैं, जिनका करिअर खत्म हो चुका है। वे मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। मैं किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हूं। जब कुछ किया नहीं तो किसी बात का डर नहीं है। खिलाड़ी 15 दिन पहले मेरे लिए अच्छा कहते थे। लेकिन आज मेरे खिलाफ इतने आरोप लगा रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों? ये धरना भी शाहीन बाग की धरने की तरह प्रायोजित है। मैं किसी भी तरीके के सवाल के लिए तैयार हूं।’